तिरुवनंतपुरम, 30 जून (भाषा) भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के वरिष्ठ अधिकारी अनिल कांत केरल के नये पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) होंगे। कांत बुधवार को सेवानिवृत्त हो रहे राज्य के मौजूदा पुलिस प्रमुख लोकनाथ बहेरा का स्थान लेंगे। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कांत इस समय केरल में सड़क सुरक्षा विभाग के आयुक्त पद पर सेवा दे रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कांत को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा अनुशंसित अधिकारियों की सूची में से शीर्ष पद के लिए चुना गया। सरकार ने उन्हें पदोन्नति देकर डीजीपी का ग्रेड दे दिया है।
Anil Kant, 1988 batch IPS officer, appointed as the new DGP of Kerala. He will replace Lokanath Behera. pic.twitter.com/RRLsBStHyc
— ANI (@ANI) June 30, 2021
फिलहाल उनका रैंक एडीजीपी का था। मुख्य सचिव ने एक आदेश में कहा, “ सरकार ने पैनल में शामिल अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड के साथ समिति (यूपीएससी) की सिफारिशों का ध्यान से परीक्षण किया।” अपने करियर में हमेशा से ही चर्चा से दूर रहने वाले अनिल कांत को राज्य का नया पुलिस प्रमुख चुने जाने से कई लोगों को हैरानी हुई है, क्योंकि कई मीडिया संस्थानों द्वारा इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि सतर्कता निदेशक सुदेश कुमार और अग्निशमन एवं बचाव सेवा की महानिदेशक बी संध्या इस पद के लिए मुख्य दावेदार हैं। माना जा रहा है कि अनिल कांत केरल के पहले दलित पुलिस महानिदेशक होंगे। दिल्ली के रहने वाले अनिल कांत ने अपने करियर की शुरुआत केरल के वायनाड जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में की थी। उन्होंने राज्य में सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जेल और सुधार सेवाओं तथा अग्निशमन दल के प्रमुख के रूप में भी काम किया है।
वह खुफिया ब्यूरो (आईबी) में सहायक निदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं। राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित अनिल कांत के पास केरल के डीजीपी के रूप में केवल सात महीने का ही कार्यकाल होगा। हालांकि, नये दिशा-निर्देशों के मुताबिक उन्हें सेवा विस्तार भी दिया जा सकता है। इस बीच 36 साल की सेवा के बाद केरल के पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो रहे लोकनाथ बहेरा ने कहा कि जम्मू वायु सैनिक अड्डे पर हाल में मानव रहित विमान का इस्तेमाल कर किए गए आतंकवादी हमले के मद्देनजर राज्य में ड्रोन के उपयोग के नियमन की आवश्यकता है।यहां विशेष सशस्त्र पुलिस मैदान में अपने विदाई भाषण में बहेरा ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले बहेरा ने कहा कि वह दिल से मलयाली हैं और केरल की पारंपरिक धोती ‘मुंडु’ को पहनना जारी रखेंगे।