Atithi Shikshak Bhopal Andolan: भोपाल में नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने जबरदस्ती सड़क से हटा दिया। दोपहर में बैरिकेडिंग करके प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया था। इसके बाद वे सड़क पर ही बैठ गए थे। रात 8 बजे तक वे सड़क पर बैठे रहे। इसके बाद पुलिस ने जबरन उन्हें सड़क से हटाया।
पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप
सड़क से उठाने के बाद प्रदर्शनकारी अतिथि शिक्षक कांग्रेस कार्यालय की ओर चले गए। अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष केसी पवार ने पुलिस पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया। इसमें कई महिला शिक्षकों को भी चोट लगी है।
अतिथियों पर गोली चलाने की चेतावनी!
अतिथि शिक्षक सीएम हाउस की ओर जाने के लिए अड़े थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर अतिथियों को रोक दिया। पुलिस ने एक बैनर खोलकर कारगार गोली चलाने की चेतावनी दी थी। हालांकि इसे लेकर सियासी पारा चढ़ता उससे पहले ही पुलिस ने गोली चलाने वाली लाइन को मोड़कर स्टेपल कर दिया।
आमरण अनशन की दी चेतावनी
अतिथि शिक्षकों ने सरकार को आमरण अनशन की चेतावनी दे दी है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
केसी पवार ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार शाम 5-6 बजे तक अपना रूख स्पष्ट नहीं करती है तो अतिथि भोपाल की सड़कों पर आमरण अनशन करेगा।
भारी उमस में बिगड़ने लगी अतिथियों की तबीयत
भोपाल में सुबह से ही तेज धूप निकलने से भारी उमस है। अतिथि महापंचायत की घोषणाओं को पूरा करवाने के लिए सड़कों पर बैठा हुआ है। भीषण गर्मी के कारण धीरे धीरे कर तबीयत बिगड़ने लगी है।
केसी पवार की तबीयत बिगड़ने की सूचना है। वहीं कुछ अतिथि गर्मी के कारण बेहोश हुए हैं। वहीं अतिथियों को पुलिस ने पार्क के पास ही रोक दिया है। जिससे पुलिस के साथ अतिथियों की झड़प भी हुई है।
कब्जा करने आए हैं के लगे नारे
सड़क पर मौजूद अतिथि शिक्षकों ने कब्जा करने आए हैं, कब्जा करके जाएंगे के नारे लगाए हैं। बता दें कि स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने कहा था कि अतिथि हैं तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे।
हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान पर खेद व्यक्त कर दिया था। अतिथि अब आंदोलन में इसे ही मुद्दा बना रहे हैं।
मंत्री-अफसर से मिलने नहीं जाएगा डेलीगेशन
अतिथि शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार महापंचायत में हुई घोषणाओं पर ही बात होगी और अतिथियों का कोई भी डेलीगेशन सीएम को छोड़कर किसी मंत्री या अफसर से मिलने नहीं जाएगा।
अतिथियों ने कहा कि यदि हम काबिल नहीं तो सरकार अतिथि व्यवस्था ही खत्म कर दे, लेकिन हमें ऐसे अधर में न छोड़े। अतिथियों ने स्पष्ट किया कि जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती है भोपाल में डटे रहेंगे।
आंदोलन में 500KM दूर से आया दिव्यांग
आंदोलन में शामिल होने एक दिव्यांग हुकुम सिंह भोपाल से करीब 500 किमी दूर आलीराजपुर से आया। उसे उम्मीद है कि 2 सितंबर 2023 को भोपाल के लाल परेड मैदान में महापंचायत के दौरान मामा ने जो घोषणाएं की थी, वे पूरी होंगी।
हुकम अपने बैग में छतरी, बिस्किट और एक जोड़ी कपड़े भी लेकर आया है। पूछने पर उसने बताया कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती, वह भोपाल नहीं छोड़ेगा।
भोपाल पहुंचने का देर रात शुरु हो गया था सिलसिला
प्रदेश के दूर दराज के इलाकों से अतिथि शिक्षक 1 अक्टूबर की शाम से ही निकलना शुरु हो गए थे। भोपाल में देर रात अतिथि शिक्षकों का पहुंचना शुरु हो गया।
ट्रेनों और बसों में भर भरकर अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंच रहे हैं। कई अतिथि शिक्षकों के ग्रुपों ने भोपाल स्टेशन, RKMP, नादरा बस स्टैण्ड, ISBT पर रात गुजारी।
महापंचायत की ये घोषणाएं अब भी अधूरी
1. अतिथि शिक्षकों को पीरियड नहीं महीने के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा।
2. एक साल के लिए पूरा अनुबंध होगा, जो हर साल आगे बढ़ाया जाएगा।
3. शिक्षक भर्ती 25% का आरक्षण था। उसे बढ़ाकर 50% किया जाएगा। 4. हर महीने एक निश्चित तारीख पर मानदेय मिलने की व्यवस्था की जाएगी।
5. पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में योजना बनाई जाएगी।
6. साल के बीच में कोई गैप नहीं होगा। ना तो किसी अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्त की जाएगी।
सिर्फ मानदेय में हुई वृद्धि
ऐसा नहीं है कि अतिथि शिक्षकों के लिए महापंचायत में की गई एक भी घोषण पूरी नहीं हुई है। मानदेय दोगुना करने की घोषणा को तुरंत अमल में लाया गया। उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 के अतिथि शिक्षक को पहले 9 हजार रुपये मानदेय मिलता था जिसे बढ़ाकर पहले ही 18 हजार रुपये कर दिया गया।
ट्रेन और बसों में भर-भरकर भोपाल पहुंचने लगे अतिथि: महापंचायत की घोषणाओं पर सरकार का जवाब जानने भोपाल में बड़ा आंदोलन
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इसी तरह माध्यमिक यानी वर्ग 2 के शिक्षकों का मानदेय 7 हजार से बढ़कर 14 हजार और प्राथमिक यानी वर्ग 3 के शिक्षकों का मानदेय 5 हजार से बढ़कर 10 हजार रुपये हो चुका है।
1 दिन बाद दोबारा इसलिए भड़की आंदोलन की चिंगारी
1. महापंचायत को भूल जाओ: 10 सितंबर को महाआंदोलन की शाम को अतिथि शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल विभागीय मंत्री से वार्ता के लिये पहुंचा। यहां मंत्री ने पहले ही एक दिया कि महापंचायत की घोषणाओं को भूल जाओ, आज की बात करो। ये बयान जैसे ही अतिथियों के बीच पहुंचा, अतिथि काफी निराश हुए, क्योंकि आंदोलन ही महापंचायत की घोषणाओं को लेकर किया जा रहा था।
2. तात्कालिक मांग पर भड़के अतिथि: महाआंदोलन के एक दिन बाद 11 सितंबर को अतिथि शिक्षक संगठनों ने तात्कालिक समस्याओं के निराकरण की मांग पर आंदोलन वापस ले लिया था। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों में अपने ही संगठन के प्रति नाराजगी थी। अतिथि शिक्षकों का मानना था कि महापंचायत की घोषणाओं पर ही बात होना चाहिए थी।
3. स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से आक्रोश: स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने बयान दिया कि अतिथि हैं तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे। उनके इस बयान से अतिथि शिक्षक और अधिक भड़क गए। हालांकि दो दिन बाद राव उदयप्रताप सिंह ने अपने इस बयान पर खेद व्यक्त कर दिया था, लेकिन तब तक बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया था।
4. आज तक जारी नहीं हुए आदेश: जिन तात्कालिक मांगों के निराकरण के आश्वासन के साथ महाआंदोलन खत्म हुआ था उसके आदेश विभाग से आज तक जारी नहीं हो सके। अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग अब तक पूरी नहीं। विसंगतियों के बीच जूझ रहे अतिथि हर दिन डीपीआई पहुंचे, लेकिन वहां भी ठीक से जवाब देने वाला कोई नहीं।
शिवराज के आश्वासन से जगी उम्मीद
अतिथि शिक्षक दो बार शिवराज सिंह चौहान से मिले। पहली मुलाकात भोपाल बंगले पर और दूसरी बार भैरुंदा में काफिला रोककर अतिथि शिक्षकों ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की।
दोनो ही बार शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे अपनी घोषणाएं पूरी करवाएंगे और इसे लेकर बात भी करेंगे। बता दें कि अतिथि शिक्षकों के लिए महापंचायत में घोषणाएं मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने ही 2 सितंबर 2023 को की थी।
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अतिथि मामले में हुई जीतू की एंट्री
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी अतिथियों के मुद्दे को लेकर क्लीयर मैसेज दे दिया है। जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता अतिथियों के साथ है और हम मिलकर इस मुहीम को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
अतिथि शिक्षक द्वारा 29 सितंबर को शिवराज सिंह चौहान से प्रश्न पूछे जाने वाले एक वीडियो को एक्स पर पोस्ट करते हुए जीतू पटवारी ने लिखा कि मैं मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों से कहना चाहता हूं शिवराज सिंह चौहान अकेले नहीं हैं।
बीजेपी के नेताओं, विधायकों और सांसदों से भी यही सवाल पूछना चाहिए। जो जहां मिले, वहीं रोककर पूछें, नहीं सुने तो पोस्टकार्ड लिखें, ईमेल करें।
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इस बार ज्यादा दिनों तक चल सकता है आंदोलन
पूरी संभावना है कि इस बार अतिथि शिक्षक महापंचायत की घोषणा की मांग पर डटे रहें। संगठनों ने एक से अधिक दिन आंदोलन चलने की रणनीति पर काम पहले ही कर लिया है।
आंदोलन से पहले सोशल मीडिया ग्रुपों पर अतिथियों से अपील की गई कि वे 2 से 3 तीन की तैयारी के हिसाब से भोपाल आएं। जरुरत पड़ी तो अतिथि मांग पूरी होने तक डटे रहेंगे।