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Amul Company : कैसे हुई अमूल दूध की शुरूआत, जानिए कौन हैं इसका मालिक

Amul Company : कैसे हुई अमूल दूध की शुरूआत, जानिए कौन हैं इसका मालिक Amul Company How Amul Milk was started know who is its owner vkj

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Bansal News
Amul Company : कैसे हुई अमूल दूध की शुरूआत, जानिए कौन हैं इसका मालिक

Amul Company : इन दिनों अमूल दूध काफी चर्चा में बना हुआ है। क्योंकि अमूल दूध ने हाल ही में दूध के दामों में इजाफा किया है। अमूल दूध कंपनी भारत की सबसे बड़ी दूध सप्लाई करने वाली कंपनी है। अमूल दूध दही से लेकर आइसक्रिम समेत कई प्रोडक्ट्स बनाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि अमूल दूध की शुरूआत कैसे हुई थी, कौन है अमूल दूध का मालिक नहीं न तो आइए हम बताते है अमूल दूध कंपनी का इतिहास

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आपको जानकर हैरानी होगी की अमूल दूध कंपनी की शुरूअता अंग्रेजों के जमाने से शुरू हो गई थी। जब अमूल दूध की शुरूआत नहीं हुई थी उस समय किसानों और पशुपालकों ने कुछ अपनी समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था लेकिन उनका विरोध कुछ काम नहीं आया। बल्कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने किसानों को सलाह दी की वह अपनी कंपनी बनाए और दूध बेंचे। बस क्या उसी दिन से अमूल कंपनी की शुरूआत हो गई।

दरअसल, जब भारत से अंग्रेज अपना बोरिया विस्तर समेट रहे थे, उस समय गुजरात के कैरा जिले के किसान और पशुपालक दूध के दलालों से परेशान होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। क्योंकि दलाल कम दामों पर दूध खरीदते और अपना मोटा मुनाफा लेकर दूध बेच देते थे। उस समय बॉम्बे की सरकार ने बॉम्बे मिल्क स्कीम की शुरुआत की तो गुजरात से बॉम्बे दूध ले जाना था। लेकिन दूरी के चलते दूध खराब होने की समस्या सामने आई, इसके बाद दूध को पॉश्चराइज करने की बात सामने आई। इस समस्या का हल निकालने के लिए बॉम्बे की सरकार ने पॉलसन लिमिटेड से एक समझौता किया। इस समझौते में कहा गया कि पॉलसन लिमिटेड ही दूध की सप्लाई करेगा। जिसका सीधा असर किसानों और पशुपालकों को लगा क्योंकि दूध औने-पौने दाम पर खरीदा जाता था।

सरदार पटेल ने दी सलाह

सरदार पटेल उन दिनों देश के कद्दावर नेता थे। जब कैरा के किसान उनसे मदद मांगने पहुंचे, तो सरदार पटेल ने किसानों को सुझाव दिया कि वे मिलकर एक सहकारी समिति बनाएं और खुद का पॉश्चराइजेशन प्लांट लगा लें। जिससे उनका दूध औने पौने दामों मंे बॉम्बे नहीं देना पड़ेगा। पटेल ने किसानों से कहा कि वह पहले कॉपरेटिव बनाने के लिए सरकार से अनुमति मांगे। और अगर अनुमति नहीं मिले तो वह ठेकेदारों को दूध देना बंद कर दे। सरदार पटेल ने अपने सहयोगी मोरारजी देसाई को कैरा भेजा कि वह कॉपरेटिव बनाने में किसानों की मदद करें। जिसके बाद 4 जनवरी 1946 को एक बैठक बुलाई गई। बैठक में फैसला हुआ कि कैरा जिले के हर गांव में एक-एक समिति बनाई जाएगी। ये समितियां एक यूनियन को ही दूध की सप्लाई करेंगी और सरकार को दूध खरीदने के लिए इसी यूनियन से कॉन्ट्रैक्ट करना होगा। लेकिन सरकार ने कॉपरेटिव बनाने की मंजूरी नहीं दी। जिसके बाद किसानों ने हड़ताल शुरू कर दी। जो 15 दिनों तक चली।

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खतरे में आई बॉम्बे मिल्क स्कीम

15 दिनों में कैरा के किसानों और पशुपालकों ने दूध बाहर नहीं भेजा। इसका नतीजा यह हुआ कि बॉम्बे तक दूध की सप्लाई ठप हो गई और बॉम्बे मिल्क स्कीम खतरे में आ गई। आखिर में अंग्रेजों को झुकना पड़ा और किसानों की मांग स्वीकार कर ली गई। मांग स्वीकार होने के बाद कैरा जिला कॉपरेटिव दूध उत्पादक संगठन की नींव पड़ी और 14 दिसंबर 1946 को इसे आधिकारिक रूप से रजिस्टर कर दिया गया। 1948 में इसी संगठन ने बॉम्बे स्कीम के लिए दूध की सप्लाई शुरू कर दी। तब दो गांवों के कुछ किसान हर दिन लगभग 250 लीटर दूध इकट्ठा कर रहे थे। जल्द ही इस संगठन से 400 से ज्यादा किसान जुड़ गए। अब हालत यह हो गई कि दूध ज्यादा इकट्ठा होने लगा और खपत तो सीमित ही थी। अब दूध खराब होने का खतरा मंडराने लगा।

डॉ. वर्गीज कुरियन ने बदल दी तकदीर

यहीं से एंट्री हुई डॉ. वर्गीज कुरियन की। वह आए तो थे किसानों की मदद करने लेकिन उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कैरा जिला कॉपरेटिव के नाम कर दी। डॉ. वर्गीज कुरियन ने ही कैरा जिला कॉपरेटिव का नाम बदलकर अमूल रख दिया। डॉ. कुरियन ने न सिर्फ़ किसानों की मदद की बल्कि दूध की मार्केटिंग पर भी काम किया। साल 1955 में डॉ. कुरियन के एक दोस्त एच एम दलाया ने भैंस के दूध से मिल्क पाउडर और कंडेक्ट मिल्क बनाने की शुरुआत की। पहले यह पाउडर सिर्फ़ गाय के दूध से ही बनता था। आणंद में ही अमूल ने अपना पहला मिल्क पाउडर प्लांट लगाया। देखते ही देखते गुजरात दुग्ध उप्तापदन का गढ़ बनने लगा। साल 1956 में ही अमूल हर दिन 1 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग करने लगा। आज की तारीख में गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड देश का सबसे बड़ा फूड प्रोडक्ट मार्केटिंग संगठन है। साल 2021-22 में इसका कारोबार 6.2 बिलियन डॉलर का था। यह संगठन हर दिन 2.63 करोड़ लीट दूध खरीदता है।

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