Amarnath Yatra Photos: जम्मू और कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए हर साल हजारों भक्त और तीर्थयात्री पूरी आस्था और उत्साह से भाग लेते हैं.
आइए देखते हैं, अमरनाथ यात्रा से जुड़ी कुछ विहंगम और अनूठी तसवीरें.
अमरनाथ यात्रा कब शुरू होगी, इसका निर्धारण अमरनाथजी श्राइन बोर्ड करता है.
लेकिन इस यात्रा की समाप्ति रक्षा बंधन के दिन छड़ी मुबारक यात्रा के संपन्न होने के साथ होती है.
साल 2023 में यह धार्मिक और आध्यात्मिक 62 दिनों की है, जो 1 जुलाई को शुरू होकर 31 अगस्त, 2023 को समाप्त हो जाएगी.
एक कथा के अनुसार, अमरनाथ गुफा में शिवलिंग की प्रतिष्ठा महर्षि कश्यप द्वारा की गई थी।
महर्षि कश्यप की पत्नी पर्वती ने शिव को इस गुफा में पाने का इच्छा व्यक्त की थी, जिसे उन्होंने पूरा किया।
अमरनाथ गुफा में अमरनाथ शिवलिंग, जो सफेद बर्फ की तरह दिखाई देता है, बर्फ की गुफा में स्वयं-प्रकाशित होता है।
यह शिवलिंग वर्षा के मौसम में रात्रि को दृश्यमान होता है।
इसकी खोज हुए यही कोई मात्र 105 वर्ष हुआ है। बूटा मलिक नामक गड़ेरिए की भेड़ खो गई, तो उसे खोजते-खोजते वह यहां आया था.
उसे यहां एक एक साधू और एक गुफा दिखी थी.
लेकिन यहां की गुफा की खोज का वास्तविक श्रेय 1818 ईस्वी में कश्मीर के महाराजा गुलाब सिंह को जाता है, जिन्होंने इसे चिह्नित किया था।
उसके बाद से ही यहां हर वर्ष तीर्थयात्री दर्शन के लिए आने लगे और यह हिम-शिवलिंग पूजा का स्थान बन गया।
अमरनाथ गुफा के रहस्य के बारे में मान्यता है यहां स्वयं भगवान शिव ने देवी पत्नी पार्वती को अमरता के बारे में रहस्यमय ज्ञान दिया था।
इसी कारण यह स्थान “अमरनाथ” के नाम से प्रसिद्ध हुआ है।
अमरनाथ गुफा मंदिर मौसमी बदलावों से प्रभावित होता है। मंदिर के आस-पास की धरती सबसे अधिक शीतल होती है। गुफा में स्थित शिवलिंग पर निश्चित समय पर बर्फ जम जाती है।
यह हमेशा गर्मी के मौसम में होता है। माना जाता है कि यह शिवलिंग प्रतिवर्ष नया रूप धारण करता है और अपनी अमरत्व को दर्शाता है।
Amarnath Yatra Photo / Image Courtesy: सभी तसवीरें anantnag.nic.in से साभार
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