Amarnath Cave Cloud Burst: फिर आफत बनकर आई बारिश, बादल फटने से 13 श्रृद्धालुओं की मौत

श्रीनगर। Amarnath Clouds Brust दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आयी आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गये एवं कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं तथा पांच को बचाया गया है। पुलिस एवं एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कई टेंट तथा सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए।
जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने बातया कि इस त्रासदीके कारण अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गयी है तथा उसे बहाल का निर्णय बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही लिया जाएगा। अमरनाथ यात्रा तीन जून को शुरू हुई थी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के निदेशक जनरल अतुल करवार ने ‘पीटीआई -भाषा’ को बताया कि इस बल की एक टीम पहले से ही प्रभावित क्षेत्र में है तथा बरारी मार्ग एवं पंचतरणी से एक-एक और टीम वहां पहुंच गयी है। करवार ने कहा, ‘‘ फिलहाल हमारी तीन टीमें यानी 75 बचावकर्मी बचाव में लगे हैं।’’
अधिकारियों के अनुसार कि भारी बारिश के बीच शाम साढ़े पांच बजे बादल फटा तथा पहाड़ की ढलानों से पानी एवं गाद की मोटी धारा घाटी की ओर बहने लगी। गुफा के स्वचालित मौसम केंद्र के अनुसार साढे चार से साढे छह बजे तक 31 मिलीमीटर वर्षा हुई। जम्मू कश्मीर मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने कहा, ‘‘ यह पवित्र गुफा के ऊपर बहुत ही सीमित बादल था। इस साल पहले ऐसी वर्षा हुई थी। लेकिन आकस्मिक बाढ़ नहीं आयी थी। ’’ अधिकारियों के मुताबिक गुफा के बाहर आधार शिविर में अचानक पानी आने से 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए ,जहां तीर्थयात्रियों को भोजन दिया जाता है।
अमरनाथ गुफा में बादल फटने से घायल हुए नागरिकों की मदद करते भारतीय सेना के जवान।
(स्रोत: भारतीय सेना के अधिकारी)#AmarnathCloudburst pic.twitter.com/jGXWKVovnj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2022
स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर ने कर्मचारियों के सभी अवकाश (नियमित/संविदात्मक) रद्द कर दिए हैं और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए गए हैं।#AmarnathCaveCloudBurst pic.twitter.com/Wcb4GQLrWH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2022
अधिकारियों ने कहा कि घायलों की सहायता के लिए सोनमार्ग एवं अन्य स्थानों पर अस्थायी अस्पताल बनाये गये हैं। उनके अनुसार दक्षिण कश्मीर के अंनतनाग, श्रीनगन और दिलली में हेल्पलाइन स्थापित किये गये हैं ताकि प्रभावित परिवारों की मदद की जा सके, साथ ही संभागीय आयुक्त (कश्मीर) के प्रभार में एक समेकित कमान केंद्र स्थापित किया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बचाव अभियान के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर लगाये हैं। करवार ने बताया कि इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई और पुलिस, सेना तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी बचाव अभियान में लगे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘ शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। बचाव एवं राहत कार्य वहां फंसे लोगों की मदद के लिए पूरी गति से चल रहा है । ..’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, “श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। मनोज सिन्हा जी से बात की और स्थिति की जानकारी ली।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बचाव और राहत अभियान जारी है। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय बलों और जम्मू कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया कि अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से प्रभावित लोगों को बचाने का कार्य तेजी से किया जाए। शाह ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर के स्थिति का जायजा लिया।
शाह ने कहा, “बाबा अमरनाथ जी की गुफा के पास बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के संबंध में मैंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर स्थिति की जानकारी ली है। एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूं।” सिन्हा ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हैं और उन्होंने सभी संबंधित विभागों को तीर्थयात्रियों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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