नई दिल्ली। इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक या नेशनल वॉर मेमोरियल में जल रही लौ के साथ विलय किया गया। इसके बाद से अब इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति नहीं जलेगी।
#WATCH दिल्ली: 'अमर जवान ज्योति' को 'वॉर मेमोरियल' की ज्योति के साथ मिला दिया गया है। pic.twitter.com/0pXU2kCMjR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2022
40 एकड़ जमीन में बना वॉर मेमोरियल
सेना के सूत्रों का यह भी कहना है कि नेशनल वॉर मेमोरियल में सारे शहीदों के नाम हैं, शहीदों के परिवार के लोग यहीं आते हैं। 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री ने वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। 40 एकड़ जमीन पर 176 करोड़ की लागत से इसे बनाया गया है।
अमर जवान ज्योति का इतिहास
दिसंबर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था. ये युद्ध 3 से 16 दिसंबर तक चला था. इस युद्ध में पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े थे। हालांकि, इसमें कई भारतीय जवान भी शहीद हुए थे। 1971 के युद्ध में भारतीय सेना के 3,843 जवान शहीद हुए थे. इन्हीं शहीदों की याद में अमर जवान ज्योति जलाने का फैसला हुआ।