Ayodhya Tour and Travel Guide: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. इस समारोह का हिस्सा बनने के लिए देशभर से लोग अयोध्या आने के लिए तैयारी में जुट गए हैं.
लेकिन आपको बता दें अयोध्या में केवल राम मंदिर ही नहीं बल्कि और भी बहुत सारी खूबसूरत जगहें हैं जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए.
अगर आप भी 22 जनवरी के आस पास अयोध्या जाने का प्लान कर रहे हैं तो आप इस खूबसूरत शहर में इन जगहों पर जरूर जाएं.
त्रेता के ठाकुर
त्रेता के ठाकुर मंदिर में भगवान श्री राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, भरत, सुग्रीव समेत कई मूर्तियां शामिल हैं. यह मंदिर अयोध्या के नया घाट के पास स्थित है. ऐसा माना जाता है कि इन मूर्तियों को काले बलुआ पत्थर से बनाया गया है.
इस मंदिर कानिर्माण 300 साल पहले राजा कुल्लू द्वारा करवाया गया था. अहिल्याबाई होल्कर जो 1700 के दशक में मराठा की रानी थी उन्होंने इस मंदिर की मरम्मत करवाकर नया रूप दिया था.
छोटी छावनी, अयोध्या
छोटी छावनी को वाल्मीकि भवन या पिर मणिराम दास छावनी के नाम से भी जाना जाता है. यह अयोध्या की शानदार संरचनाओं में से एक है. अयोध्या आएं तो इस जगह को एक बार जरूर घूम आएं, यहां आपको पुरानी गुफाएं देखने को मिल जाएगी.
छोटी छावनी में कुल 34 गुफाएं हैं, 12 बौद्ध हैं, केंद्र में 17 हिंदू मंदिर है और उत्तर में 5 जैन मंदिर है.
तुलसी स्मारक भवन
16वीं शताब्दी के एक संत कवि गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में इस तुलसी स्मारक की स्थापना की गई थी. इसी भव्य स्थान पर तुलसीदास जी ने रामचरित की रचना की थी. यह एक विशाल पुस्तकालय है जहां आपको साहित्य का भंडार देखने को मिलेगा.
किताबें पढ़ने के शौकीन हैं तो इस जगह पर जाना न भूलें. यहां आपको अयोध्या के साहित्य, संस्कृति और अध्यात्म की जानकारी मिल जाएगी. यह स्मारक रामायण कला और शिल्प को प्रदर्शित करता है.
बहू बेगम का मकबरा
बहू बेगम का मकबरा पूर्व ताजमहल के नाम से भी जाना जाता है. यह फैजाबाद के सबसे ऊंचे स्मारक में गिना जाता है. यह मकबरा अवध के प्रसिद्ध वास्तुकला का अनोखा प्रदर्शन है.
इसका निर्माण 1816 में करवाया गया था, उस वक्त इस मंदिर की कुल लागत 3 लाख रुपए आई थी. इस मकबरे के ऊपर से पूरे शहर का बेहतरीन नजारा देखने को मिलता है.
गुप्तार घाट
यह घाट सरयू नदी के तट पर बसा है जिसे घग्गर घाट के नाम से भी जाना जाता है. फैजाबाद के पास मौजूद यह एक प्रसिद्ध स्थल है. पहले गुप्तार घाट की सीढ़ियों के पास कंपनी गार्डन हुआ करता था जिसे अब गुप्त घाट वन के नाम से जाना जाता है.
इसी स्थान भगवान राम ने ध्यान किया था और उसके बाद जल समाधि ली थी, जिसके बाद श्री राम ने बैकुंठ प्राप्त किया.
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