16 से 20 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी प्रतियोगिता
यह प्रतियोगिता रायपुर के कोटा स्थित स्वामी विवेकानंद एथलेटिक स्टेडियम में 16 से 20 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें 23 विभिन्न खेलों का आयोजन किया जाएगा। इसमें इंडोर और आउटडोर दोनों प्रकार के खेल शामिल हैं।
उद्घाटन कार्यक्रम में अंडमान-निकोबार, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और मणिपुर की टीमों ने मार्च पास्ट किया।
प्रधानमंत्री की अगुवाई में खेल और अधोसंरचना का विकास हुआ: CM
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह माता कौशिल्या की भूमि है, जो भगवान राम का ननिहाल भी है। उन्होंने सभी का स्वागत किया और बताया कि इस आयोजन की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, जिसमें भारत से तीन हजार खिलाड़ी शामिल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत एक विविधता से भरा देश है, और जब खिलाड़ी एक-दूसरे से मिलते हैं, तो वे विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में जान पाते हैं। प्रधानमंत्री की अगुवाई में खेल और अधोसंरचना का विकास हुआ है।
खेल आपसी भाईचारा बढ़ाते हैं: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि वन रक्षा करना आसान नहीं है, इसलिए फिटनेस बहुत जरूरी है। खेल आपसी भाईचारा बढ़ाते हैं और फिटनेस को भी प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि देश में ऐसे खिलाड़ी और नेता हों, तो परिणाम अच्छे होते हैं। पहले उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पुरस्कार नहीं दिया जाता था, लेकिन अब यह शुरू किया गया है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे यहां से अच्छी यादें लेकर जाएं।
सूर्यकुमार ने जय जोहार रायपुर से की संबोधन की शुरुआत
भारतीय क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव ने अपने संबोधन की शुरुआत “जय जोहार रायपुर” कहकर की। उन्होंने कहा कि वह तीसरी बार रायपुर आए हैं और यहां की हरियाली और ऊर्जा देखकर खुश हैं। यह सब स्थानीय लोगों की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा, “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया!”
यह वन विभाग का 27वां खेल आयोजन
प्रतियोगिता के लोगो के बारे में जानकारी देते हुए आयोजन की नोडल अधिकारी शालिनी रैना ने बताया कि इस बार का लोगो पहाड़ी मैना को चुना गया है। 2019-20 में इसी प्रकार के आयोजन में वनभैंसा को लोगो के रूप में चुना गया था। पहाड़ी मैना को उसके विशेष गुणों के कारण चुना गया है, ताकि लोग इसके बारे में अधिक जान सकें। यह वन विभाग का 27वां खेल आयोजन है और दूसरी बार छत्तीसगढ़ में हो रहा है। खिलाड़ियों के उत्साह और विभाग के समर्पण के साथ, यह खेल कुंभ निश्चित ही एक सफल और यादगार अनुभव बनेगा।
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