बिहार। Alcohol Case बिहार में एक बार फिर शराब बंदी का मुद्दा भड़क गया है जहां पर सारण और छपरा में जहरीली शराब पीने से अब तक 40 के करीब लोगों की जानें चली गई तो वहीं पर मुद्दा यह उठ रहा है कि, आखिर राज्य में शराबबंदी के बाद भी शराब पीने से मौतें कैसे हो रही है और शराब बंद होने के बाद में आखिर लोगों तक शराब क्यों पहुंच रही है। बता दें कि,छह साल पहले 2016 में पूर्ण शराबबंदी हो गई थी।
जानिए बिहार में कितनी पी जा रही शराब
आपको बताते चलें कि, बिहार में शराब बंदी के बाद भी शराब का सेवन और सप्लाई शुरू थी जिसके आंकड़ों पर गौर करें तो सर्वेक्षण में सामने आया था कि बिहार में 15.5 % लोग शराब का सेवन करते हैं. यदि इसे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बांटा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में 15.8 फीसद और शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 14 फीसद के करीब है. खास बात ये है कि शराब पीने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। आंकड़ों के आधार पर शराब का सेवन लोगों में बढ़ने लगा है। जहां पर जहरीली शराब तो कही चोरी-छिपे शराब पी जा रही है। बताया जा रहा है कि, बिहार में जो लोग शराब पी रहे हैं वह पहले से तीन गुना अधिक दाम पर शराब खरीद रहे हैं. इसका फायदा सीधे-सीधे शराब माफिया उठा रहे हैं।
जाने कहां से आ रही शराब
आपको बताते चलें कि, आंकड़ों की बात करें तो, बिहार में 2022 में ही अब तक तकरीबन एक करोड़ लीटर शराब पकड़ी जा चुकी है. बिहार में पकड़ी जा रही अवैध शराब का ज्यादातर हिस्सा तो प्रदेश में ही बन रहा है. बाकी झारखंड, यूपी, नेपाल और पश्चिम बंगाल से लाई जा रही है। 2016 में कानून के एलान के बाद की बात कर ली जाए तो, शराबबंदी कानून के तहत पांच लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. इसके अलावा ढाई करोड़ लीटर से ज्यादा अवैध शराब जब्त की जा चुकी है।
चूहे भी पी जाते है शराब
आपको बताते चलें कि, इंसान तो इंसान ही है यहां पर शराब का सेवन चूहें भी कर जाते है जी हां सबसे पहले ये मामला सामने आया था 2017 में जब पुलिस ने बड़े पैमाने पर शराब जब्त की थी, लेकिन कोर्ट में जब पूछा गया तो पुलिस ने बयान दिया कि वो तो चूहे पी गए. 2018 में कैमूर में भी 11 हजार बोतल जब्त की गई थीं, लेकिन इसके बारे में भी पुलिस ने पुराना ही बयान दिया था. इसके बाद से कई थानों में पुलिस ने शराब जब्त की, लेकिन जहां-जहां शराब को नष्ट नहीं किया गया।