भोपाल। Akshaya Tritiya 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल अक्षय तृतीया का त्योहार 23 अप्रैल को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया पर गुड्डा—गुड़ियों की Know why Gudda–dolls get married शादी क्यों की जाती है। क्या आपको ये पता है इसके पीछे का कारण क्या है। यदि नहीं तो आपको बता दें कि हिन्दु धर्म में अक्षय तृतीया पर इनका विवाह करने की परंपरा काफी पुरानी है। जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी कुछ महत्तपूर्ण बातें।
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ताकि जल्दी हो विवाह – Akshaya Tritiya 2023
पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार जिन युवक—युवतियों के विवाह में विलंब हो रहा होता है। उनके द्वारा यह परंपरा काफी प्राचीन समय से चली आ रही हैं। मिट्टी के गुड्डा—गुड़ियों का वट वृक्ष के नीचे विवाह रचाया जाता है। सांकेतिक रूप में दोनों की गांठ बांधी जाती है। ये गांठ फिर वट अमावस के दिन खोली जाती है।
नए ऋतु फलों का आगमन Akshaya Tritiya 2023 new Fruits
अक्षय तृतीया पर नए ऋतु फलों का भोग लगाया जाता है। पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार किसी भी ऋतु फल को पहले भगवान को अर्पित किया जाता है। इसी उद्देश्य से आम, तरबूज और खास तौर पर सत्तू का भोग अक्षय तृतीया पर लगाया जाता है। इसी के बाद ऋतु फल के सेवन की शुरूआत होती है।
वट वृक्ष से मांगी जाएगी सौभाग्य प्राप्ति
कहते हैं वट वृक्ष सभी को सौभाग्य प्राप्त कराता है। इसलिए इस दिन महिलाएं भी वटवृक्ष के नीचे पूजन कर सौभाग्य प्राप्ति का वरदान मांगती हैं। इस वृक्ष के नीचे जो भी मन्नत मांगी जाए वह अवश्य पूरी होती है। जो व्यक्ति अपने जन्म दिवस के दिन वट वृक्ष के नीचे खड़े होकर जो भी मन्नत मांगता है वो पूरी होती है।
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इसलिए रखे जाते हैं घट Akshaya Tritiya per matka kyon rakhte hai
अक्षय तृतीया पर घट रखने की भी परंपरा है। मिट्टी के घटों में पानी भरकर उसमें फल रखे जाते हैं। कहते हैं घट यानि कलश में सभी देवता वास करते हैं। ऐसी मन्नत मानी जाती है कि हे वरूण देव जिस प्रकार आपमें सभी नदियां, जल और रत्न समाहित हैं उसी तरह हमारी भी रिद्धि—सिद्धि बनी रहे। इसी दिन से घरों में मटके रखना शुरू हो जाते हैं।