Akshaya Tritiya 2025 Buying Auspicious Time: 30 अप्रैल बुधवार को आज अक्षय तृतीया मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन सोना खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। वैसे तो अक्षय तृतीया (Akshya Tritiya Hindi News) का पूरा दिन शुभ माना जाता है लेकिन चलिए जानते हैं इस दिन सोना खरीदने का सबसे शुभ मुहूर्त क्या है, ताकि आपका धन और वैभव आपके लिए अक्षय फल दे।
इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को यानी आज बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में यह दिन बेहदशुभ माना जाता है. खासतौर पर सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि अक्षय तृतीया के दिन खरीदा गया सोना कभी मूल्य में कमी नहीं लाता और घर में स्थायी समृद्धि लेकर आता है।
अक्षय तृतीया 2025 तिथि और मुहूर्त
-
तिथि: 30 अप्रैल 2025, बुधवार
-
पूजा मुहूर्त: सुबह 05:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
-
मुहूर्त की अवधि: 6 घंटे 37 मिनट
-
त्रितीया तिथि शुरू: 29 अप्रैल शाम 05:31 बजे
-
त्रितीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल शाम 05:49 बजे
🕰️ सोना खरीदने के शुभ मुहूर्त
29 अप्रैल को भी रात से शुभ समय शुरू हो जाएगा:
-
29 अप्रैल शाम 05:31 बजे से 30 अप्रैल सुबह 05:41 बजे तक
⏱️ कुल अवधि – 12 घंटे 11 मिनट -
Labha चोगड़िया: 08:16 PM – 09:37 PM
-
Shubha/Amrit/Chara चोगड़िया: 10:57 PM – 03:00 AM
30 अप्रैल शुभ समय:
-
सुबह 05:41 AM से दोपहर 02:12 PM तक
⏱️ कुल अवधि – 8 घंटे 30 मिनट -
Amrit और Labha मुहूर्त: 05:41 AM – 09:00 AM
-
Shubha मुहूर्त: 10:39 AM – 12:18 PM
शहरों के अनुसार सोना खरीदने का मुहूर्त
-
दिल्ली / नोएडा / गुड़गांव: 05:41 AM – 12:18 PM
-
मुंबई: 06:11 AM – 12:36 PM
-
पुणे: 06:08 AM – 12:32 PM
-
अहमदाबाद: 06:07 AM – 12:37 PM
-
चेन्नई: 05:49 AM – 12:06 PM
-
बेंगलुरु: 05:59 AM – 12:17 PM
-
कोलकाता: 05:05 AM – 11:34 AM
-
जयपुर: 05:49 AM – 12:24 PM
-
हैदराबाद: 05:51 AM – 12:13 PM
-
चंडीगढ़: 05:40 AM – 12:20 PM
सोने-चांदी की कीमतें और बाजार का हाल
इस साल अक्षय तृतीया पर सोने की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है।
-
सोना: ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम (पिछले साल ₹73,500 था)
-
चांदी: ₹1,00,000 प्रति किलो (2023 में ₹86,000 प्रति किलो)
इस बार कुल व्यापार ₹16,000 करोड़ के आसपास रहने की संभावना है जिसमें से ₹12,000 करोड़ के 12 टन सोने की बिक्री और ₹4,000 करोड़ की चांदी की बिक्री होने की उम्मीद है।
अक्षय तृतीया का महत्व
‘अक्षय’ का अर्थ होता है — जो कभी खत्म न हो। इस दिन किया गया कोई भी जप, दान, पुण्य या पूजा हमेशा फलदायी रहता है। यह दिन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि और वैशाख माह में आता है। जब यह दिन बुधवार और रोहिणी नक्षत्र के साथ आता है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और ऐसा माना जाता है कि त्रेतायुग की शुरुआत भी अक्षय तृतीया से ही हुई थी। साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती भी मनाई जाती है।