Akshaya Tritiya 14 May 2021 : अक्षय तृतीया पर इस बार बन रहा है विशेष संयोग

भोपाल। अक्षय यानि वह Akshaya Tritiya 14 May 2021 जिसका कभी क्षय नहीं होता। इस दिन किए गए पूजा, पाठ, दान पुण्य का कभी क्षय नहीं होता। इसलिए इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। इस बार यह अक्षय तृतीया 14 मई यानि शुक्रवार को पड़ रही है। इसी दिन रोहिणी नक्षत्र भी है। इसके अलावा इस बार अक्षय तृतीया पर लक्ष्मीनारायण और गजकेसरी योग भी बन रहा हैं। मान्यता अनुसार इस तिथि को सतयुग की तिथि भी माना जाता है यानि इसी दिन से सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। भगवान नर और नारायण ने भी इसी दिन अवतार लिया था। ज्योतिष इसे अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। इसी दिन भगवान परशुराम का प्रकटोत्सव भी है।
हर युग में हैं श्री परशुराम
पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन दोपहर को 12 बजे भगवान परशुराम का मनाया जाता है। भगवान श्री परशुराम चारों युगों में हैं। उन्होंने अधर्मी राजाओं का वध कर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की थी और अंत में पूरी पृथ्वी ब्राहृमणों को दान में दे दी थी। भगवान श्री परशुराम सभी युगों में रहे हैं। भगवान श्री परशुराम अमर हैं।
परशुराम अश्वत्थामा, बलुरव्यासो हनुमान।
सा विभीषण: कृपा बलस्य रामस्यो सप्तैते चिरजीवन:।।
अर्थात अश्वत्थामा, बलि, श्री हनुमान, विभीषन, कृपाचार्य व परशुराम जी अमर हैं।
इसी दिन खुलते हैं श्री बद्रीनारायण जी के पट
अक्षय तृतीया के दिन ही दिन श्री बद्रीनारायण जी के पट खुलते हैं। इस मौके पर तिल सहित कुशों के जल से पितरों को जलदान करने से उनकी तृप्ति होती है। अक्षय तृतीया से ही गौरी व्रत की शुरुआत होती है। गौरी व्रत रखने से अखंड सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। इस दिन गंगास्नान का भी बड़ा महत्व है। ऐसा करने या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने से पाप से मुक्ति मिलती है।
दान का मिलता है अक्षय पुण्य
अक्षय तृतीया के दिन ब्राह्मणों को घड़ी, कलश, पंखा, छाता, चावल, दाल, घी, चीनी, फल, वस्त्र, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा दान करने से अक्षय पुण्य फल मिलता है। अबूझ मुहूर्त होने के कारण अक्षय तृतीया का दिन नूतन गृह निर्माण, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा जैसे शुभ कामों के लिए खास माना जाता है।