Mission Raniganj Teaser Out: बॉलीवुड फिल्मों का सिलसिला जहां पर जारी है एक बार फिर एक्टर अक्षय कुमार अपनी अपकमिंग फिल्म के साथ सामने आए है जहां पर फिल्म मिशन रानीगंज का टीजर रिलीज हो चुका है। इसमें अक्षय कुमार एक बार फिर सिख का किरदार निभाते नजर आएगें।
जानिए कैसा है टीजर
आपको बताते चलें, हाल ही में रिलीज हुए टीजर में एक्टर अक्षय कुमार माइनिंग करते हुए लोगों को बचाने की कोशिश में लगे हुए दिख रहे हैं। यहां पर अचानक बारिश होने की वजह से ये लोग काल माइन में फंस जाते हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि ये सभी लोग जिंदा नहीं बचे होंगे।
लेकिन इंजीनियर जसवंत सिंह कहते है कि, 65 लोगों में से अगर कोई एक भी जिंदा हो तो उसे बचाने की कोशिश की जानी चाहिए। इसमें माइनर्स को बचाने की कहानी दिखाई जाने वाली है। फिल्म का टीजर एक्टर अक्षय कुमार ने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है लिखा कि,- 1989 ने एक व्यक्ति ने गजब की हिम्मत दिखाई और कई जिंदगियां बचा लीं। भारत के असली हीरो की ये कहानी जरूर देखें!
फिल्म में ये सितारे आएंगे नजर
आपको बताते चलें, फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा कुमुद मिश्रा, पवन मल्होत्रा, रवि किशन और दिब्येंदु भट्टाचार्य भी नजर आएंगे, फिल्म आने वाले 6 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। टीनू सुरेश देसाई फिल्म के डायरेक्टर हैं।
जानें इंजीनियर जसवंत सिंह गिल के बारे में
आपको बताते चलें, फिल्म की कहानी जिस दिलेर पर बेस्ड है उनका नाम है इंजीनियर जसवंत सिंह गिल, ‘लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड’ से सम्मानित इस दिलेर सिख ने अपनी जान की परवाह किए बिना अकेले किसी कोयले की खान में फंसे लोगों को बचाया है। हादसा 13 नवंबर 1989 का है जब रानीगंज के महाबीर खदान (पश्चिमबंगाल) में कोयले से बनी चट्टानों को ब्लास्ट कर तोड़े जाने के दौरान एक बड़ी घटना हो गई।
ऐसे बचाने उतरे इंजीनियर गिल
यहां पर ब्लास्ट कर तोड़े जाने के दौरान वाटर टेबल की दीवार में क्रैक आ गया और पानी तेजी से इन दरारों से बहने लगा। इस कारण वहां काम कर रहे 220 लोगों में से 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। लिफ्ट के पास फंसे 65 लोगों को बचाने के लिए हिम्मत दिखाने आगे आए बतौर एडिशनल चीफ मायनिंग इंजीनियर जसवंत गिल।
इन्होंने अपनी जान की फिक्र किए बिना तुरंत उस पानी से भरी खदान में जाने का फैसला किया। गिल ने सबसे पहले वहां मौजूद अफसरों की मदद से पानी को पम्प के जरिए बाहर निकालने की कोशिश की वहां कई बोर खोदे, जिससे खदान में फंसे मजदूरों तक जिंदा रहने खाना-पीना पहुंचाया जा सके।
तब उन्होंने एक 2.5 मीटर का लंबा स्टील का एक कैप्सूल बनाया और उसे एक बोर के जरिए खदान में उतारा। कैप्सूल के जरिए 6 घंटे में बाहर निकाल लिया गया। जब तक सभी 65 लोगों को खदान से बाहर नहीं निकाल लिया गया।
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