भोपाल। AJJ KA MUDDA: नरेंद्र सिंह तोमर, राजनीति के वो माहिर खिलाड़ी हैं, जो अपने काम से अपनी छाप छोड़ने के लिए जाने जाते हैं और एक बार फिर वो मध्यप्रदेश के चुनावी रण में, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक के रूप में उतरे हैं।
एक तरफ भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव की जोड़ी एमपी में डेरा डाल चुकी है। अमित शाह के ही टीम के हिमांशु सिंह भी एमपी में कमान संभालेंगे, तो अब सीएम शिवराज के विश्ववस्त माने जाने वाले नरेंद्र सिंह तोमर 2023 की बिसात बिछाने मैदान में उतर चुके हैं।
तोमर दो बार प्रदेश अध्यक्ष बने
छात्र संघ और पार्षद पद से अपनी चुनावी पारी शुरू करने वाले तोमर दो बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। कई बार संयोजक की भूमिका में रहे हैं, इसलिए सत्ता संगठन में सामंजस्य और कार्यकर्ताओं की बीच उनकी पैठ को सबसे बड़ी ताकत माना जाता है।
नरेंद्र सिंह तोमर के चेहरे पर दिल्ली और भोपाल दोनों को भरोसा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर का तालमेल दशकों पुराना है। शिव-तोमर की जोड़ी ने साल 2008 और 2013 में जबरदस्त जीत हासिल की थी।
बीजेपी जीत रिपीट करना चाहती है
अब 2023 में फिर बीजेपी इस जोड़ी से जीत रिपीट करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस को इसमें डर नजर आ रहा है। कांग्रेस का मानना है कि इस बार जनता कांग्रेस का साथ देकर 150 सीटें जिताएगी और कमलनाथ सरकार फिर काबिज होगी।
कुशल राजनेता और रणनीतिकार नरेंद्र सिंह तोमर के संयोजक बनने से बीजेपी को बढ़त है, तो कई चुनौतियां भी। 2018 चुनाव में ग्वालियर-चंबल का इलाका बीजेपी के लिए उतना फायदेमंद साबित नहीं हुआ था, लेकिन तोमर के स्थानीय होने से और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी बीजेपी में आने से अब नई मजबूती जरुर मिली है।
यह भी पढ़ें-
Bhopal News: तेज रफ्तार बस पलटी, यात्रियों में मची चीख-पुकार, 40 लोग घायल
Gwalior News: रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर जाएंगी प्रियंका गांधी, क्या हैं इसके सियासी मायने
MP PTR में बाघिन पर आई बड़ी मुसीबत, परेशानी में पड़े उसके दोनों शावक
Viral Video: महिला ने खाया ज्वालामुखी पर बना पिज्जा, अनोखे डिश को देख दंग रह गए लोग
अगर आपके पास भी है सैलरी अकाउंट तो उठा सकते हैं इन सुविधाओं का लाभ, अधिकतर लाभार्थी हैं अनजान