MP Congress: लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश कांग्रेस का क्लीन स्वीप होने के बाद अब पार्टी के सीनियर लीडर ही खड़े करने लगे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (राहुल भैया) ने पार्टी संगठन पर सवाल उठाए हैं।
साथ ही कहा कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के कार्यकाल की समीक्षा होनी चाहिए।
अजय सिंह ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पर भी हमला बोला है।
यहां बता दें लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस 29 सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई है।
कांग्रेस ने इस बार छिंदवाड़ा की सीट भी गंवा दी है। जिसे कमलनाथ का गढ़ कहा जाता था।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कमलनाथ को बताया कांग्रेस की बुरी तरह हार के लिए जिम्मेदार!
नकारा नेतृत्व ने किए मध्य प्रदेश कांग्रेस के बदतर हालात! pic.twitter.com/z9IcYMdwV1
— Ashish Usha Agarwal आशीष ऊषा अग्रवाल (@Ashish_HG) June 6, 2024
एमपी के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के परफॉरमेंस से अजय सिंह काफी नाराज हैं।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत में अजय सिंह ने कांग्रेस की हार के कई कारण गिनाए।
इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के कार्यकाल की समीक्षा करने तक की मांग कर डाली।
साथ ही अजय सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि आगे मध्य प्रदेश के लिए किस तरह की रणनीति बने, इस पर हाई कमान को रणनीति तय करना चाहिए।
अजय सिंह ने कमलनाथ पर साधा निशाना
अजय सिंह ने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल था, हमने देश में कम सीटें जीतीं, लेकिन मोदीजी का जो जलवा था वो खत्म हो गया।
दुर्भाग्य से मध्य प्रदेश में ये दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि एमपी में हार के कई कारण हैं।
जैसे सरकार ना टिकना, 15 महीने में चुनी हुई सरकार गिरना, कई प्रभावशाली नेताओं का बीजेपी में जाना, उन्हें किसी ने रोका नहीं।
अजय सिंह ने कमलनाथ का नाम लिए बिना कहा कि एक बड़े नेता कहते रहे मैं भाजपा में जा रहा हूं, नहीं जा रहा हूं…उसका भी कार्यकर्ताओं पर असर पड़ा और परिणाम सामने है।
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जीतू पटवारी के लिए यह भी कहा
अजय सिंह ने एक बयान जारी कर हार के लिए संगठन के काम पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा, आखिर पटवारी के कार्यकाल में बड़ी संख्या में नेता-कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन क्यों थामा?
वहीं पार्टी छोड़कर अन्य दलों में जा रहे नेता-कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए? इस पर भी बातचीत होना चाहिए।