Airbag Cars: देशभर में जहां पर हर मिनट में सड़क हादसों की घटनाएं बढ़ रही है वहीं पर केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2023 से कारों में 6 एयरबैग को अनिवार्य कर दिया है वहीं ये कार में नहीं मिले तो जुर्माना या कार्रवाई करने की बात भी कही है। क्या आपने सोचा है कि, कार में एयरबैग का होना कितना जरूरी होता है वहीं पर ये कैसे काम करता है। आइए जानते है इस खबर में।
क्या होता है एयरबैग ?
आपको बताते चलें कि, कारो में एयरबैग लगे होते है यह कॉटन से बनाया जाता है और इस पर सिलिकॉन की कोटिंग की जाती है. इसमें सोडियम एजाइड गैस भरी होती है और ये गाड़ी में आगे की तरह डेशबोर्ड में लगा होता है. जैसे ही कार तेजी से किसी से टकराती है या डिस बैलेंस होती है तो एयरबैग खुलकर यात्री के पास एक गुब्बारा से बना लेते हैं. इससे एक्सीडेंट होने पर यात्री को कोई नुकसान नहीं होता है और वो एयरबैग की वजह से सीट पर सुरक्षित अपनी जान बचा पाते है।
जानें कैसे करता है काम
आपको बताते चलें कि, एयरबैग तो कार में होते ही है ऐ कैसे काम करता है आपको बताते चलें कि, पूरा एक सिस्टम होता है, जिसमें कुछ सेंसर भी शामिल होते हैं. ये सेंसर कार के बोनट के पास लगे होते हैं और जैसे ही एक्सीडेंट होता है तो वो सेंसर एयरबैग को एक्टिव कर देते हैं. इसके बाद एयरबैग बाहर आ जाते हैं और फुल जाते हैं. ये काम काफी तेजी से होता है जिसकी स्पीड 300 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है। वहीं पर ये कैसे अचानक फूलता है तो बताते चलें कि, एयरबैग के पीछे एक सोडियम एजाइड गैस का सिलेंडर होता है. ये सॉलिड कैमिकल के फॉर्म में होता है और इसकी खास बात ये है कि अगर इसको तेजी गर्म किया जाए तो यह तुरंत गैस में बदल जाती है. हल्की सा सोडियम एजाइड गैसा नाइट्रोजन कैस बना देता है. सेंसर से गैस सिलेंडर तक तार जुड़े होते हैं और जब कार का एक्सीडेंट होता है तो वो सिलेंडर तक इलेक्ट्रिक करंट सप्लाई करते हैं और इससे सॉलिड कैमिकल गैस बन जाता है और एयरबैग फूल जाते हैं।
जाने कार में इन्हें कहां लगाया जाता है
आपको बताते चलें कि, एयरबैग हर यात्री के बैठने के स्थान के हिसाब से लगाए जाते हैं. जो ड्राइवर सीट होती है, उसका एयरबैग स्टेयरिंग में होता है और एक्सीडेंट के समय ये फुल जाता है और यात्री का सिर स्टेयरिंग या कांच से भिड़ने से बच जाता है. वहीं, इसके पास वाली सीट का एयरबैग आगे डैशबोर्ड पर लगा होता है।