नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय AIIMS Counselling ने केंद्र और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को निर्देश दिया कि वह एक याचिकाकर्ता डॉक्टर को 31 अगस्त को स्नातकोत्तर और पोस्ट डॉक्टरल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दे।
न्यायमूर्ति इंदिरा AIIMS Counselling बनर्जी और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने स्पष्ट किया कि इस मामले में यह आदेश विशेष तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर कर पारित किया गया है। इस पर विचार किया गया कि परीक्षा कोविड-19 के अचानक बढ़े मामलों की वजह से समय पर नहीं हुई और इस पर विचार किया गया है कि ऋषिकेश एम्स में अब भी सीट बची हैं।
दिल्ली एम्स द्वारा स्नातकोत्तर और पोस्ट डॉक्टरल पाठ्यक्रम के लिए अधिसूचना जारी की गई थी जिसके लिए याचिकाकर्ता विजय कुमार वरादा AIIMS Counselling जो मुंबई स्थित नौसेना चिकित्सा संस्थान, आईएनएचएस अश्विनी में जनरल मेडिसिन में एमडी पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्र हैं, ने जुलाई 2021 में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया था। याचिकाकार्ता वरादा सफलतापूर्वक ऑनलाइन चयन प्रक्रिया में शामिल हुए।
इसके अलावा उन्होंने AIIMS Counselling वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुए विभागीय नैदानिक/ प्रायोगिक/प्रयोगशाला आधारित आकलन में भी हिस्सा लिया था। उनका चयन ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित एम्स में कार्डियोलॉजी विषय में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन पाठ्यक्रम के लिए हुआ था और उनसे एक से 15 जुलाई के बीच अपनी सीट सुरक्षित कराने को कहा गया था। ऐसा नहीं करने पर सीट से वंचित करने की बात कही गई थी।
हालांकि, नासिक स्थित महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय राज्य में कोविड-19 AIIMS Counselling के बढ़ते मामलों की वजह से एमडी जनरल मेडिसिन पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की परीक्षा समय पर नहीं करा पाया। एम्स के दिशानिर्देश के मुताबिक 31 जुलाई तक सीट आरक्षित नहीं कराने पर संस्थान में प्रवेश लेने के लिए अयोग्य ठहराने का प्रावधान है।
अदालत में AIIMS Counselling जब 19 जुलाई को सुनवाई हुई तो एम्स दिल्ली और भुवनेश्वर ने बताया कि काउंसलिंग का पहला चरण पहले ही पूरा हो गया है लेकिन सीट आवंटित करने की तरीख पांच अगस्त तक बढ़ाई गई है और पहली काउंसलिंग में उत्तीर्ण छात्र इस तारीख तक प्रवेश ले सकते हैं।
अदालत को चार अगस्त को बताया गया कि महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने एमएस/एमडी पाठ्यक्रम की परीक्षा के लिए 16 से 23 अगस्त की तारीख निर्धारित की है जबकि प्रायोगिक परीक्षाएं 24 और 25 अगस्त को कराई जाएंगी। विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता के परिणाम 27 AIIMS Counselling अगस्त तक घोषित कर दिए जाएंगे।
शीर्ष अदालत ने पूर्व में निर्देशिका में 31 जुलाई तक प्रवेश की अर्हता रखने संबंधी शर्त पर कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया। अदालत ने मामले की सुनवाई 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध करने के साथ मौखिक टिप्पणी की कि अगर याचिककर्ता इस बीच आवश्यक अर्हता AIIMS Counselling प्राप्त कर लेता है और कोई सीट खाली होती है तो उसे प्रवेश दिया जा सकता है।
उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को जब सुनवाई हुई तो महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा याचिकाकर्ता के अंतरिम डिग्री प्रमाण पत्र की छाया प्रति अदालत के समक्ष पेश की गई। विश्वविद्यालय की ओर से पेश वकील ने छायप्रति सत्यापित की।
वहीं, एम्स AIIMS Counselling की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि एम्स ऋषिकेश में कार्डियोलॉजी विषय में पोस्ट डॉक्टरल पाठ्यक्रम की दो सीटें खाली हैं लेकिन एम्स भुवनेश्वर में कार्डियोलॉजी में डीएम पाठ्यक्रम में कोई सीट नहीं बची है।
एम्स के जवाब पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने प्रतिवादी को निर्देश दिया कि अगर याचिकाकर्ता की रुचि है तो उसे 31 AIIMS Counselling अगस्त को निर्धारित काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाए जो ऋषिकेश एम्स में डीएम पाठ्यक्रम की सीटों के लिए होने वाली है। पीठ ने कहा, ‘‘अगर याचिकाकर्ता को मेरिट लिस्ट में उससे कम रैंक वालों के मुकाबले प्राथमिकता मिले तो यह उचित ही होगा।’’