नई दिल्ली। भारत के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने दुर्लभ जन्मजात बीमारी से पीड़ित तीन महीने के बांग्लादेशी शिशु की सफल सर्जरी की है। डॉक्टरों ने उसके मस्तिष्क के एक उभरे हुए हिस्से को हटाकर सिर को सही आकार प्रदान किया। शिशु ‘जायंट ओसीसीपिटल एन्सेफेलोसेले’ से पीड़ित था, जो एक दुर्लभ जन्मजात स्थिति होती है। इसमें मस्तिष्क किसी थैली की तरह फैल जाता है। एम्स में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. दीपक कुमार गुप्ता ने बताया कि अगर इसका इलाज नहीं किया जाता तो यह फट सकती है, जिससे मेनिनजाइटिस नामक संक्रमण हो सकता है और मौत हो सकती है। तीन घंटे की लंबी सर्जरी के दौरान, डॉक्टरों ने थैली को हटा दिया और खोपड़ी के आकार को ठीक कर दिया।
उन्होंने कहा कि खोपड़ी के पिछले हिस्से में काफी सूजन होने से शिशु को परेशानी होती है, दूध पिलाने व नर्सिंग में कठिनाई होती है और मस्तिष्क के सूजन वाले ऊतकों के अचानक फटने का डर हमेशा बना रहता है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि शिशु के पिता आबिद आजाद ने कुछ महीने पहले उनसे संपर्क किया था। डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि बच्चे की स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद, हमने सर्जरी करने का फैसला किया। 12 दिसंबर को सर्जरी की गई, जिसके दौरान मस्तिष्क के उभरे हुए गैर-जरूरी हिस्से को काट दिया गया, जिसने एक थैली का आकार ले लिया था। मस्तिष्क के सभी सामान्य ऊतकों को संरक्षित किया गया था। और उसी समय ‘एक्सपेंसाइल क्रैनियोप्लास्टी’ की गई ताकि मस्तिष्क को भविष्य में बढ़ने के लिए जगह मिलती रहे। गुप्ता ने कहा कि सर्जरी के छह दिन बाद शिशु अरहत आयदीन ठीक है और सोमवार को उसे छुट्टी मिलने की संभावना है।