KORWA: अग्नीपथ योजना में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर कोरबा में सुरक्षा बढ़ा Agnipath Protest दी गई है.कोरबा रेलवे स्टेशन और ट्रेनों की सुरक्षा पर खासा जोर दिया जा रहा है.कोरबा रेलवे स्टेशन और उसके आसपास सशस्त्र बलों की तैनाती की गई.. सुरक्षा को देखते हुए कई ट्रेनों को कई घंटों तक स्टेशन पर रोक रखा गया. सुरक्षा बलों से क्लीयरेंस मिलने पर ही सवारी या मालगाड़ी को आगे जाने की इजाजत दी गई.
देश की तीनों सेनाओं (Indian Armed Forces) में भर्ती के लिए लाई गई केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ (Agneepath Yojna) विवादों में घिर गई है। एक तरफ सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने बहुत शानदार योजना निकाली है। दूसरी तरफ, इस योजना के खिलाफ युवा छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। बिहार में कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई हैं। ‘अग्निपथ योजना’ (Agneepath Yojna) के तहत सिर्फ़ चार साल आर्मी में सेवा का मौका दिए जाने को लेकर युवाओं में भीषण गुस्सा देखा जा सकता है। बिहार के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी ‘अग्निवीर’ (Agniveer) के खिलाफ यह प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। अग्निपथ योजना के तहत सेनाओं में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती की जाए। कम उम्र के युवाओं को चार साल की सेवा के बाद रिटायर कर दिया जाएगा। भर्ती किए गए जवानों में से सिर्फ़ 25 प्रतिशत को सेना में रखा जाएगा। इसी को लेकर छात्रों का विरोध है।
क्या कहते हैं युवा अभ्यर्थी?
बिहार के जहानाबाद और छपरा समेत कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है, ‘सेना में जाने के लिए हम जीतोड़ मेहनत करते हैं। ट्रेनिंग और छुट्टियों को मिला दें तो कोई सर्विस (Agneepath Yojna) सिर्फ़ चार साल की कैसे हो सकती है? सिर्फ़ तीन साल की ट्रेनिंग लेकर हम देश की रक्षा कैसे करेंगे? सरकार को यह योजना (Agneepath Yojna) वापस लेनी ही पड़ेगी?’ प्रदर्शन कर रहे युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है कि सिर्फ़ चार साल के लिए ही क्यों भर्ती (Agneepath Yojna) की जा रही है। सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भी कम से कम 10 से 12 साल की सर्विस (Agneepath Yojna) होती है और आंतरिक भर्तियों में उन सैनिकों को मौका भी मिल जाता है। ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Yojna) में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या यही है कि चार साल के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को बाहर का रास्ता देखना ही पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस योजना (Agneepath Yojna) को तुरंत वापस लिया जाए।
चार साल के बाद क्या होगा भविष्य?
चार साल की सेवा के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को रिटायर करने का कॉन्सेप्ट किसी के गले नहीं उतर रहा है। आर्मी से रिटायर और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। युवाओं की चिंता है कि चार साल के बाद वे क्या करेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि साढ़े 17 साल में ‘अग्निवीर’ (Agneepath Yojna) बनने वाले युवा के पास न तो कोई प्रोफेशनल डिग्री होगी और न ही कोई विशेष योग्यता, ऐसे में वह दोयम दर्जे की नौकरियों के लिए बाध्य होगा।
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?
अग्निपथ योजना (Agneepath Yojna) के खिलाफ सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों की मांग बेहद स्पष्ट है। उनका कहना है कि इस योजना (Agneepath Yojna) को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए। लंबे समय से सेनाओं में भर्ती (Agneepath Yojna) ने होने की वजह से परेशान छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द भर्ती की रैलियां आयोजित कराई जाएं और परीक्षाएं शुरू हों। इसके अलावा, पुरानी लटकी भर्तियों (Agneepath Yojna) को भी जल्द से जल्द क्लियर करने की मांग की जा रही है। बिहार के मुंगेर, जहानाबाद, छपरा और तमाम जिलों में प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बुलंदशहर और बरेली में भी प्रदर्शन शुरू हो गया है। इसके अलावा, राजस्थान और हरियाणा के भी प्रतियोगी छात्र सड़कों पर उतर आए हैं।