Vehicles Bullet Proof : पंजाबी के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से बॉलीवुड के कलाकार दहशत में हैं। इसके अलावा देश के राज्यों के नेताओं व उद्योगपति अपने वाहनों को बुलेटप्रूफ (Vehicles Bullet Proof) करवाने लगे हैं। इसके लिए वे संबंधित कंपनियों से संपर्क साध रहे हैं। पालीवुड से लेकर बिरहावुड तक के कलाकार अब अपनी गाड़ी बुलेटप्रुफ (Vehicles Bullet Proof) कराने की जुगत लगाने लगे है। गाडियां बुलेटप्रुफ (Vehicles Bullet Proof) कराने का सबसे बड़ा कारण यह है कि पंजाब के गैंगस्टर्स अब देश के अन्य राज्यों में अपना जाल फैलाने लगे है।
खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि मूसेवाला की हत्या के बाद से करीब 142 लोगों ने अपनी गाड़ियों को बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) करवाने के लिए कंपनियों से संपर्क किया है। जिनमें अधिक्तर कलाकार और नेता शामिल है। इसके अलाव कुछ उद्योगपतियों ने भी कंपनियों से संपर्क किया है। बता दें कि मूसेवाला ने लारेंस बिश्नोई गैंग के अलावा दो और गैंगों से धमकी मिलने के बाद एक साल पहले अपनी फार्च्यूनर बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) करवाई थी। मूसेवाला की गाड़ी को बुलेटप्रुफ (Vehicles Bullet Proof) करने वाली कंपनी के अनुसार मूसेवाला ने शर्त के अनुसार कहा था कि एके-47 की गोलियां भी उनकी कार के अंदर प्रवेश नहीं कर सके। उन्होंने अपनी कार के शीशे, दरवाजे और पेट्रोल टैंक को बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) करवाया था। हालांकि बुलेटप्रुफ (Vehicles Bullet Proof) करने वाली कंपनियों ऐसी जानकारी उजागर नहीं करती है लेकिन कंपनी का कहना है कि मूसेवाला की हत्या के बाद से उनके पास आर्डर आना शुरू हो गए है।
कहा होती है गाड़ियां बुलेट प्रूफ?
देश में मात्र पंजाब व मुंबई में चार कंपनियां ही गाड़ियों को बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) करती हैं। पंजाब में जालंधर व मोहाली में इसकी इंडस्ट्री है। यह सरकारी व निजी गाड़ियों को बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) बनाती हैं। इसके बाद 2006 में मोहाली में जेसीबीएल नामक इंडस्ट्री खुली। वही मुंबई में टाटा मोटर्स के प्लांट में बुलेट प्रूफ गाड़ियां तैयार होती हैं। टाटा प्लांट में केवल सरकारी गाड़ियों को ही बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) बनाया जाता है। इसके अलावा मुंबई की एक और कंपनी शील्ड आर्मरिंग गाड़ियों को बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) बनाती है।
इतना आता है खर्च?
फ्रंट व बैक शीशे – 8 से 12 लाख
फ्रंट, बैक व दरवाजों के शीशे – 12 से 17 लाख
सभी शीशे व पांचों दरवाजे – 18 से 22 लाख
सभी शीशे, दरवाजे व रूफ टाप तथा बाटम – 22 से 32 लाख
सभी शीशे, सभी दरवाजे, रूफ टाप,बाटम व पेट्रोल टैंक – 35 से 40 लाख
फुल बुलेट प्रूफ गाड़ी – 40 से 45 लाख
जिला प्रशासन से लेनी होती है अनुमति
गाड़ी को बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) करवाने के लिए जिले के डीसी या एसडीएम से अनुमति लेनी होती है। प्रशासन को दिए आवेदन के बाद अनुमति मिलती है। अनुमति मिलने के बाद इसकी सूचना राज्य के गृह विभाग को भेज दी जाती है। आवेदन की मंजूरी के बाद कंपनी संबंधित व्यक्ति के वाहन को बुलेट प्रूफ (Vehicles Bullet Proof) करके दे देती है।