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जबलपुर। प्रदेश सहित पूरे देश में मंहगाई से आम आदमी की हालत पतली है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बृद्धि के बाद अब आम आदमी की जेब पर एक और मार पड़ सकती है। अब बिजली वितरण कंपनियां भी इसके दाम बढ़ाने की योजनाएं बना रही हैं। हालांकि कंपनी के इस निर्णय के पहले ही चारों तरफ इसका विरोध शुरू हो गया है। दरअसल 2021-22 में एक बार फिर विद्युत वितरण कंपनियां दामों को बढ़ाने की योजना बना रही है। इस फैसले पर कई सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने सामने से आपत्ति पेश की है। हालांकि अभी तक वितरण कंपनियों ने दाम बढ़ाने को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।
सरकार नहीं चुका रही सब्सिडी
बिजली के दामों को लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने इसको लेकर सरकार को भी जिम्मेदार बताया है। दरअसल सरकार ने वितरण कंपनियों को 13 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी नहीं दी है। साथ ही प्रदेश में थर्मल पावर प्लांट की भी हालत खस्ता है। इस कारण बिजली कंपनी पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। इसकी भरपाई कंपनी जनता से बसूलने की तैयारी कर रही है।
अगर ऐसा होता है तो आम आदमी की जेब पर इसका सीधा असर पड़ेगा। वहीं सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने प्रदेश में बढ़ी मंहगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। संगठनों का कहना है कि प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें पूरे देश में सबसे अधिक हैं। बढ़ी हुई इस मंहगाई से मध्यम और निम्न तबके के लोगों की जेबें खाली हो रही हैं। मंहगाई के हालात प्रदेश में इस कदर हैं कि आम आदमी के लिए रोजमर्रा की जरूरतों को बड़ी मुश्किल से पूरा कर पा रहे हैं।