हाइलाइट्स
-
1 अप्रैल से शुरु हो चुका है नया शैक्षणिक सत्र
-
पेरेंट्स के बुक यूनिफार्म खरीदने के बाद जागा प्रशासन
-
6 साल में फीस एक्ट के नियमों को लागू नहीं करवा सका प्रशासन
Private School ki Manmani: मध्य प्रदेश में हाल ही में स्टेशनरी और निजी स्कूलों पर हुई कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या प्रशासन वाकई निजी स्कूलों की मनमानी (Private School ki Manmani) पर रोक लगाना चाहता है या ये सिर्फ दिखावा मात्र थी।
पेरेंट्स जो आरोप लगा रहे हैं, वे तो इसी ओर ईशारा कर रहे हैं। 90 फीसदी पेरेंट्स के बुक कॉपी खरीदने के बाद आदेश निकाला और फिर कार्रवाई की।
ऐसे में अब कोई और दुकान संचालक भी संबंधित स्कूल की किताबें क्यों रखेगा, ये बड़ा सवाल है।
वाह रे सिस्टम: 75 फीसदी पेरेंट्स के बुक-कॉपी खरीदने के बाद दिया आदेश, अब कोई और दुकान संचालक भी क्यों रखेगा किताबें!#privateschool #privateschoolnews #MPNews #MadhyaPradesh #madhyapradeshnews
पूरी खबर यहाँ पढ़ें- https://t.co/Pk6Q9U215k pic.twitter.com/09htfmU8Ng
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) April 6, 2024
आदेश तो निकाला पर क्रियान्वित कैसे होगा?
स्कूलों की मनमानी (Private School ki Manmani) रोकने शासन की ओर से आदेश निकाला गया कि कोई भी स्कूल किसी पेरेंट्स को निर्धारित शॉप से यूनिफार्म और किताब खरीदने के लिए नहीं कहेगा।
पर आदेश तब निकाला जब अधिकांश पेरेंट्स पहले ही किताब और यूनिफार्म खरीद चुके हैं। चलो मान लें कि बचे हुए 10 फीसदी पेरेंट्स को इस आदेश से राहत मिल जाएगी, लेकिन ये ख्याल ही किसी ख्याली पुलाव से कम नहीं।
सत्र शुरु हो गए हैं। क्लासेस लग रही हैं। ऐसे में कोई भी स्टेशनरी संचालक अब किसी भी अन्य स्कूल की किताबें रखकर रिस्क नहीं उठाएगा।
निर्धारित शॉप से ही खरीदनी होगी किताबें
नाम न प्रकाशित की शर्त पर एक स्टेशनरी संचालक ने बताया कि स्कूल की बुक और यूनिफार्म का आर्डर दिसंबर में ही चला जाता है।
जनवरी ऐंड में डिलेवरी के बाद फरवरी से तो इनकी बिक्री शुरु हो जाती है। ऐसे में अब किसी अन्य दुकानदार को चाहकर भी किसी स्कूल की बुक या यूनिफार्म नहीं मिल पाएगी।
ऐसे में स्कूलों की मनमानी रोकने (Private School ki Manmani) आदेश चाहे जो भी निकले, पेरेंट्स को तो हर हाल में इस बार निर्धारित शॉप से ही यूनिफार्म और बुक खरीदनी ही होगी। क्योंकि ये मार्केट में इस सत्र तो कहीं और मिलने से रही।
अगले साल नियम समय पर लागू करना भी दूर की कौड़ी
स्कूलों की मनमानी (Private School ki Manmani) रोकने कई अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस नियम को अगले साल समय से सख्ती से लागू करेंगे।
अधिकारियों के इस दावे पर यकीं करने का मन तो करता है, लेकिन फैक्ट इससे उल्ट है। जिस नियम को एक साल बाद समय से लागू करने की बात हो रही है, वह कोई नया नियम नहीं है।
इसे मध्य प्रदेश में लागू हुए 6 साल हो चुके हैं। पर जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। ऐसे में अगले साल समय से निजी स्कूलों की मनमानी रोकने सख्ती से नियम लागू हो, इसकी संभावना कम ही है।