MP News: सीधी में एंबुलेंस को लगातार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। जिसके बाद महिला को उसके परिजन ठेले पर अस्पताल लेकर गए अस्पताल में अंदर पहुंचने से पहले ही महिला का ठेले पर ही प्रसव हो गया। जिस कारण नवजात को सही इलाज नहीं मिल सका और नवजात की मौत हो गई। अब इस मामले में सरकार ने कार्रवाई की है। सीधी जिले की तीन एंबुलेंस के 1 महीने का खर्च रोक दिया गया है। जो 4 लाख 56 हजार 917 रुपए है। घटना स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले की है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रदेश के बाकी जगहों की स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी होंगी।
सोमवार को खर्च रोकने का आदेश जारी
इस पूरे मामले में सोमवार को भोपाल के 108 एकीकृत कॉल सेंटर ने आदेश जारी किय। जिसमें क्षेत्र की तीन एंबुलेंस (सीजी 04 एनटी 1847, सीजी 04 एनटी 2428 और सीजी 04 एनवी 6577) के एक महीन का परिचालन खर्च जो लगभग 4 लाख 56 हजार 917 रुपए है वह नहीं रोक दिया जाएगा। प्रोजेक्ट हेड ने इस बारे में बताया कि रात 10:30 बजे 108 कॉल सेंटर पर कई बार कॉल किए लेकिन एंबुलेंस नसीब नहीं हुई, जिसकी वजह से महिला को परेशानी हुई और उस बच्चे की जान गई।
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नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने उठाए सवाल
ठेले पर प्रसव होने और नवजात की मौत के बाद इस मामले में सियासत भी गरमाई। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में सवाल उठाए कि सीधी में एक गर्भवती को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। परिवार को सब्जी के ठेले पर महिला को अस्पताल लेकर जाना पड़ा। जहां रास्ते में ही महिला का प्रसव हो गया और नवजात को बचाया नहीं जा सका। जब स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हालत इतनी बदतर है तो पूरे प्रदेश की हालत को समझा जा सकता है।
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