हाइलाइट्स
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बालाघाट के किसान ने दो आरटीआई लगाकर मांगी थी जानकारी
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2020 में राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद भी नहीं मिली जानकारी
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सूचना आयुक्त ने दोषी अधिकारी के विरुद्ध दिए कार्रवाई के निर्देश
MP RTI News: एक किसान एक जिद्दी अधिकारी से भिड़ गया। एक मामले में जानकारी निकलवाने की लड़ाई 6 साल तक चली, लेकिन किसान RTI में जानकारी लेकर ही माना।
वहीं जिस अधिकारी ने 6 साल तक जानकारी नहीं दी उस पर कार्रवाई के आदेश (Action Under RTI Act) हो गए हैं।
क्या है पूरा मामला
बालाघाट के किसान अनिल निनावे ने 2018 में दो RTI दायर की। एक आरटीआई (MP RTI News) में पंचायत बिरसा में एक खेत में बने लघु तालाब की गुणवत्ता की शिकायत की जानकारी मांगी।
वहीं इसी जनपद में दूसरी RTI आवेदन में अनिल ने निर्माण कार्य में निविदा का प्रकाशन नहीं करने की स्वयं की शिकायत पर हुई कार्रवाई की जानकारी भी चाही थी। RTI के कानून के मुताबिक जानकारी 30 दिन में मिल जानी थी।
आदेश के बाद भी नहीं दी जानकारी
मामला राज्य सूचना आयोग के संज्ञान में आने के बाद वर्ष 2020 में सुनवाई के बाद अनिल को जानकारी देने के आदेश दिए।
जनपद पंचायत में पदस्थ खंड पंचायत अधिकारी राजेश प्रसाद सोनवाने ने आयोग के आदेश के बाद भी अनिल को आरटीआई (MP RTI News) में कोई जानकारी नहीं दी।
जिसके बाद आयोग के आदेश की अवहेलना को लेकर अनिल ने राज्य सूचना आयोग में दोनों प्रकरण में शिकायत कर दी।
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अधिकारी एक भी सुनवाई में नहीं पहुंचे
इन शिकायतों की सुनवाई 2021 से आयोग में शुरू हुई। लेकिन राजेश प्रसाद सोनवाने सभी सुनवाईयों में गैर हाजिर रहे।
जब आरटीआई (MP RTI News) के ये दोनों प्रकरण राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने इस मामले में हुई सुनवाई को पर्याप्त मानते हुए सोनवाने को अपना पक्ष स्पष्ट करने के अंतिम मौका देने के बाद सोनवाने के विरूद्ध कार्रवाई कर दी।
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नप गए जिद्दी अधिकारी
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जानकारी देने के आदेश के साथ ही एक मामले में खंड पंचायत अधिकारी राजेश प्रसाद सोनवाने के विरुद्ध ₹25000 का जुर्माना लगा दिया।
वहीं दूसरे प्रकरण में बार-बार आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन करने पर शासकीय शर्त सेवा नियम के तहत अनुशासनिक कार्रवाई (Action Under RTI Act) के लिए विकास आयुक्त मंत्रालय भोपाल को आदेशित किया है।