Raipur Acid Attack: रायपुर की सत्यम विहार कॉलोनी में 15 वर्षीय किशोर पर हुए एसिड अटैक की घटना की जांच में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। जांच में पता चला कि किशोर ने अपने माता-पिता की डांट से बचने के लिए यह झूठी कहानी रची थी।
पुलिस की पूछताछ में किशोर ने स्वीकार किया कि उसने मोबाइल पर वीडियो देखकर एसिड अटैक की योजना बनाई थी और अपने छोटे भाई को भी इसमें शामिल किया था। डीडी नगर थाना क्षेत्र के इस मामले में पुलिस ने सच्चाई का पर्दाफाश कर दिया है। बता दें कि बच्चे का इलाज रायपुर एम्स में चल रहा है।
समझिए क्या है पूरी कहानी
दरअसल, सत्यम विहार कालोनी स्थित गणेश मंदिर के पीछे रायपुरा के रहने वाले टीकम देवांगन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका 12 साल का बेटा अपने छोटे भाई और दोस्त के साथ खेलने जा रहा था, तभी दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने उनसे नशा करने के लिए पैसे मांगे।
जब पीड़ित बच्चे ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो बदमाशों ने अपनी जेब से ज्वलनशील पाउडर निकालकर बच्चे के सिर पर फेंक दिया। बच्चे को दर्द से तड़पता देखकर भी बदमाशों ने दया नहीं दिखाई और उसके चेहरे पर भी पाउडर फेंककर फरार हो गए।
पुलिस की जांच में हुआ खुलासा
पुलिस ने फिर मामले की जांच शुरू की, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एंटी क्राइम और साइबर यूनिट के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। इस मामले में घायल कल्प ने पुलिस को बताया कि स्कूल के आसपास बदमाशों का जमावड़ा रहता है, जो बच्चों को धमकाकर रुपये मांगते हैं। लेकिन पुलिस की जांच में कुछ और ही सच्चाई सामने आई है।
गैस-चूल्हा जलाने के दौरान हुआ था हादसा
आखिरकार, पुलिस ने कल्प के छोटे भाई नवनीत से अलग से पूछताछ की, जिसने सच्चाई का पर्दाफाश कर दिया। नवनीत ने बताया कि घटना वाले दिन दोनों भाई स्कूल से घर आए थे और गैस चूल्हा जलाने के दौरान बड़े भाई का चेहरा आग की लपटों से झुलस गया था। इसके बाद दोनों भाइयों ने झूठी कहानी गढ़ी थी।
दोनों भाइयों ने माता-पिता की डांट से बचने के लिए झूठी कहानी गढ़ी कि किसी अज्ञात युवक ने उसके चेहरे पर ज्वलनशील पदार्थ फेंका था। लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आई और दोनों भाइयों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली।
बच्चों के साथ सख्ती से पेश नहीं आए पेरेंट्स
बच्चों के साथ माता-पिता का संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों के साथ सख्ती से पेश नहीं आना चाहिए। बच्चों को अपनी बातें खुलकर साझा करने के लिए एक सुरक्षित और प्रेमपूर्ण माहौल प्रदान करना चाहिए। अगर बच्चों के मन में माता-पिता का डर बैठ जाता है, तो वे सच छुपाने और झूठ बोलने लगते हैं।
माता-पिता को छोटी-छोटी बातों पर बच्चों को डांटने या फटकारने से बचना चाहिए। इसके बजाय, उन्हें बच्चों के साथ नरमी और समझदारी से पेश आना चाहिए। इससे बच्चे अपनी समस्याओं और भावनाओं को बिना किसी भय के व्यक्त कर सकेंगे और सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ेंगे।