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AAP-Congress Alliance: दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में AAP- CONG गठबंधन से किसे फायदा और किसे नुकसान, जानें गोवा-चंडीगढ़ में कांग्रेस ने क्यों गाया एकला चलो का राग

AAP-Congress Alliance: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग पर बात बन गई है। सीट के लिए भी शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल हो गया है।

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Kalpana Madhu
AAP-Congress Alliance: दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में AAP- CONG गठबंधन से किसे फायदा और किसे नुकसान, जानें गोवा-चंडीगढ़ में कांग्रेस ने क्यों गाया एकला चलो का राग

   हाइलाइट्स

  • AAP- CONG में डील फाइनल 
  • जानें BJP को कितना होगा नुकसान
  • पंजाब में कोई समझौता नहीं
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AAP-Congress Alliance: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग पर बात बन गई है। लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा सीटों का बंटवारा शनिवार को फाइनल हो गया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गुजरात की 26, हरियाणा की 10, गोवा की 2 और चंडीगढ़ सीट के लिए भी शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल हो गया है।

कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक और AAP लीडर संदीप पाठक ने कल जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंजाब में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी।

आज हमारी इस रिपोर्ट में पढ़ें की दो बड़ी पार्टियों के चार राज्यों में चुनावी गठबंधन से किसे फायदा और किसे नुकसान होगा । साथ में यह भी पढ़ें कि देश की सबसे बड़ी मौजूदा पार्टी BJP पर इसका क्या असर पड़ेगा ।

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   गठबंधन से दिल्ली में बीजेपी को कितना नुकसान?

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के एक होने से दिल्ली की 7 सात सीटों पर मुकाबला रोचक हो सकता है। हालांकि, गठबंधन के बावजूद यहां बीजेपी को हराना मुश्किल होगा। दिल्ली की जिन 7 सीटों पर गठबंधन हुआ वहां 2019 में बीजेपी के सभी कैंडिडेट्स ने 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए थे।  अगर सातों सीट के औसत निकालें तो पिछले चुनाव में बीजेपी ने 56 प्रतिशत वोट हासिल किया था।

   दिल्ली में 'गठबंधन का फायदा आप को मिलेगा'

इस गठबंधन का फायदा मुख्य तौर पर आप को ही मिलेगा, कांग्रेस को नहीं। भाजपा का वोट बैंक तो अभी भी उसके साथ ही है। सोचने वाली बात यह भी है कि कार्यकर्ता और मतदाता कोई कठपुतली नहीं कि जब चाहें जो नाच नचवा लें। कल तक जो कांग्रेसी या आप कार्यकर्ता एक दूसरे के खिलाफ सड़क पर उतरते रहे हैं, वही अब एक- दूसरे के लिए समर्थन और वोट भला कैसे मांगने लगें!

   गुजरात में गठबंधन को कितना फायदा?

गुजरात में भी आप और कांग्रेस के मिलकर लड़ने से बीजेपी को ज्यादा नुकसान होता नहीं दिख रहा है। यहां कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है। इसके अलावा गुजरात बीजेपी का गढ़ रहा है।

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हालांकि, इस गठबंधन से बीजेपी को हरियाणा में कुछ नुकसान हो सकता है। गठबंधन के चलते यहां आमने-सामने का मुकाबला होगा।  साथ ही वोट बंटने की गुंजाइश भी खत्म होगी

इसके अलावा कांग्रेस गोवा में भी अकेले लड़ेगी। गठबंधन के चलते यहां भी वोट का बंटने की संभावना कम है।  पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही 1-1 सीट हासिल की थी।

   मेयर चुनाव में जीतने के बाद बढ़ा INDIA Alliance का आत्मविश्वास

अभी हाल हीं में मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट से AAP-CONG के पक्ष में फैसला आने के बाद दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भाजपा पर जमकर बरसे और उन्‍होंने इसे 'इंडिया' गठबंधन की बहुत बड़ी जीत करार दिया है। केजरीवाल ने कहा कि यह इंडिया गठबंधन की पहली जीत है और बहुत मायने रखती है।

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद को लेकर अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया।  साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन 8 मतों को सही माना, जिन्‍हें रद्द कर दिया गया था।

   AAP के खाते में आया हरियाणा का कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट

हरियाणा की 10 सीटों में से 9 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। वहीं कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा। हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार है, जब कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। इससे पहले वह अकेली ही चुनाव लड़ती रही है।

आपको बता दें कि 2019 के चुनाव में बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 सीटों पर कब्जा किया था।  कुरूक्षेत्र से अभी मौजूदा सांसद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी है।  2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के निर्मल सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी।

   चंडीगढ़ सीट के लिए कांग्रेस ने छोड़ी कुरुक्षेत्र सीट

चंडीगढ़ सीट के लिए कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र सीट छोड़ दी है। कुछ ही महीनों बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आप का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव पर है।

पार्टी की सोच है कि यदि वह हरियाणा में एक सीट पर भी अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसे विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है। इसलिए पार्टी ने दिल पर पत्थर रखकर चंडीगढ़ की सीट कांग्रेस को दे दी।

बात 2019 चुनाव की करें तो कुरुक्षेत्र में कांग्रेस की भी स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े निर्मल सिंह को 24.7 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भाजपा के सांसद नायब सिंह सैनी को 56.0 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, जजपा-आप को 5.6 फीसदी वोट मिले।

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