हाइलाइट्स
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आकृति प्रोजेक्ट में 3 हजार लोगों की फंसी है प्रॉपर्टी
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दस सालों से लोग पजेशन लेने लगा रहे हैं चक्कर
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अंतिम फैसला आने के बाद भी शुरु नहीं हो पाया काम
Aakriti Builders Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एजी8 वेंचर्स यानी आकृति बिल्डर से जुड़े मामले में एक नया खुलासा हुआ है। एक बार फिर होमबायर्स को झटका लग सकता है।
सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद होमबायर्स को अब भी आकृति के प्रोजेक्ट्स में पजेशन के लिए इंतजार और करना पड़ेगा।
एक आदेश, जिसकी वजह से बदली परिस्थिति
13 फरवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय से एक नोटशीट चलती है, जिसमें 46 निगम, मंडल और बोर्ड के अशासकीय नामांकन को निरस्त करने का आदेश दिया जाता है।
इस सूची में 27वें नंबर पर रेरा के चेयरमैन (RERA Chairman) एपी श्रीवास्तव का भी नाम था। मध्य प्रदेश सरकार के पास रेरा चेयरमैन को हटाने का अधिकार नहीं है।
जिसके बाद इस सूची को तो संशोधित कर लिया, लेकिन तब तक ये मैसेज चला गया कि रेरा चेयरमैन को सरकार बदलना चाहती है।
आकृति प्रोजेक्ट से ये है कनेक्शन
आकृति बिल्डर (Aakriti Builders Bhopal) से जुड़े सभी बड़े डिसीजन वर्तमान रेरा चेयरमैन एपी श्रीवास्तव द्वारा लिये गए। कई बेनामी प्रॉपर्टी भी सीज हुई।
यहां तक की देश में पहली बार किसी बिल्डर के दीवालिया होने पर उस आदेश के विरुद्ध रेरा ने शीर्ष न्यायिक संस्था में अपील तक की।
रेरा ने ही आकृति के प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हाउसिंग बोर्ड को मनाया। इस प्रक्रिया में चेयरमैन एपी श्रीवास्तव का अहम रोल था।
इस वजह से होगी पजेशन में देरी
गलती से ही सही पर जैसे ही रेरा चेयरमैन का तबादले का आदेश आया, यह खबर तेजी से फैली कि रेरा चेयरमैन को भी बदला जा सकता है।
ऐसे में हाउसिंग बोर्ड (Madhya Pradesh Housing and Infrastructure Board) ने आकृति के प्रोजेक्ट को टेकओवर करने में आनाकानी शुरु कर दी।
यही वजह है कि हाउसिंग बोर्ड ने अब तक आकृति के प्रोजेक्ट को टेकओवर नहीं किया है।
पजेशन में देरी की ये भी होगी एक वजह
एक ओर हाउसिंग बोर्ड (MPHIDB) ने अब तक आकृति के प्रोजेक्ट को टेकओवर नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर रेरा ने अब तक किसी प्रोजेक्ट को आकृति बिल्डर (Aakriti Builders Bhopal) को वापस नहीं सौंपा है।
दिसंबर 2023 में आकृति बिल्डर के दीवालिया वाले आदेश को निरस्त करने का अंतिम फैसला आ चुका है। एजी8 वेंचर्स के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को वापस अधिकार मिल गए हैं।
लेकिन आदेश के 3 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक न तो किसी सरकारी एजेंसी ने प्रोजेक्ट टेकओवर कर काम शुरु किया और न ही रेरा ने आकृति बिल्डर (Aakriti Builders Bhopal) को प्रोजेक्ट वापस किये। सवाल ये कि ऐसे में प्रोजेक्ट जल्द कैसे पूरे हो पाएंगे।
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सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है याचिका
पहले 5 अगस्त 2022 को आकृति बिल्डर (Aakriti Builders Bhopal) को राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (NCLT) की इंदौर बेंच ने दीवालिया (Insolvent) घोषित कर दिया।
8 दिसंबर 2023 को राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) ने एजी8 वेंचर्स (AG8 Ventures) की इन्सॉल्वेंसी को रद्द कर दिया है। मतलब आकृति दीवालिया नहीं रहा।
NCLAT के इस आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपील को पहली ही सुनवाई में खारिज कर दिया। मतलब अब आकृति के दीवालिया होने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं।
पीड़ित प्रॉपर्टी बायर्स के 1100 करोड़ रुपए फंसे
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) April 1, 2024
भोपाल में आकृति बिल्डर (Aakriti Builders Bhopal) के 9 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में करीब 3 हजार लोगों के 1100 करोड़ दांव पर लगे हैं।
यह आंकड़ा पहली बार तब सामने आया जब आकृति के दीवालिया होने पर लोगों ने क्लेम करना शुरू किया। इस दौरान करीब 3 हजार लोगों ने 1100 करोड़ रुपए के क्लेम किये थे।