AAJ KA MUDDA: ‘युद्धविराम’ पर सवाल…या सियासत में उबाल, कांग्रेस ने नक्सलियों के लेटर पर उठाए सवाल
देश के संविधान में हिंसा का कोई स्थान नहीं…छत्तीसगढ़ का बस्तर अब इसी शांति की उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहा है…लंबे वक्त से नक्सलवाद की आग में जलती रही ये धरती, अब ठंडी पड़ती दिख रही है…केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की डेडलाइन के बाद केंद्र और राज्य मिलकर नक्सलवाद के खात्मे की रणनीति पर काम कर रहे हैं…अब उसी का असर है कि नक्सली खुद सामने आकर युद्धविराम और शांति वार्ता की बात करने लगे हैं…हाल ही में नक्सलियों की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें एक महीने के युद्धविराम की बात कही गई है…साथ ही सरकार से बातचीत की पेशकश भी की गई है…ये पहली बार नहीं है जब नक्सलियों की ओर से इस तरह का पत्र सामने आया है…कांग्रेस लेटर पर सवाल उठा रही है…