नई दिल्ली। वैसे तो रेलवे स्टेशन पर Aadhar Card At Railway Station यात्रि ट्रेन से सफर करने जाते हैं। लेकिन इसके अलावा यहां पर रेलवे एक बड़ी सुविधा शुरू करने जा रहा है। जी हां। दरअसल स्टेशनों पर रेलटेल की ओर से कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क लगाए जा रहे हैं। जहां पर पेन कार्ड और आधार कार्ड बनवाने की सुविधा शुरू की जा रही है। यदि आप भी ट्रेन से कहीं सफर करने जा रहे हैं और वहां आपको अपनी ट्रेन का इंतजार करना पड़ रहा है या आप किसी और का भी वेट कर रहे हैं तो इस बीच आप अपने समय का उपयोग करते हुए स्टेशन पर पेन कार्ड और आधार कार्ड संबंधी काम करवा सकते हैं।
आपको बता दें फिलहाल रेलवे द्वारा ये सुविधा 200 स्टेशनों पर शुरू की जा रही है। जहां पर रेलटेल की ओर से कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क लगाए जा रहे हैं। आपको बता दें कि आधार और पेन कार्ड के अलावा यहां से वोटर कार्ड भी बनवाए जा सकते हैं। साथ ही साथ यहां बिजली बिल, फोन बिल, फोन रिचार्ज, इंश्योरेंस, आधार और पैन कार्ड बनवाने का काम किया जा सकेगा।
इन स्टेशनों पर मिलेगी सुविधा —
आपको बता दें रेलवे द्वारा शुरू की जा रही इस खास सुविधा के लिए खोले गए काउंटर को ‘रेलवायर साथी किओस्क’ का नाम दिया है। गौरतलब है कि किओस्क का अर्थ काउंटर से है जहां आप अपने जरूरी काम निपटा सकेंगे। फिलहाल 200 रेलवे स्टेशनो पर यह सुविधा मिलेगी। आपको बता दें उत्तर पूर्व रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार 200 काउंटरों के खोलने का प्रस्ताव है। जिसमें 44 दक्षिण मध्य रेलवे, 20 उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे और 13 काउंटर पूर्व मध्य रेलवे जोन के स्टेशनों पर खुलेंगे। इसके अलावा 15 काउंटर वेस्टर्न रेलवे, 12 पश्चिम मध्य रेलवे, 13 ईस्ट कोस्ट रेलवे और 56 नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे के स्टेशनों पर काउंटर खोले जाएंगे।
फोन भी करा सकते हैं
अगर आप अपना फोन रीचार्ज करवाना चाहते हैं लेकिन करवा नहीं पा रहे हैं। रेलवायर साथी काउंटर से अब यात्री अपना फोन रिचार्ज करवा सकते है। साथ ही यहां बिजली बिल भरने, टैक्स फाइलिंग, वोटर कार्ड, बैंकिंग, इनकम टैक्स के साथ—साथ बस और एयर टिकट की सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं।
इन दो स्टेशनों पर सर्विस शुरू
भारतीय रेवले की यह खास सुविधाएं दो स्टेशनों पर शुरू हो गई है। वाराणसी सिटी और प्रयागराज रामबाग में रेलवायर साथी काउंटर खोले गए हैं। ये काउंटर कॉमन सर्विस सेंटर के तौर पर काम करेंगे। इसे चलाने के लिए स्थानीय लोगों को दिया गया है। वहीं, अन्य स्टेशनों पर भी जल्द यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।