भोपाल। एक ऐसा सीरियल किलर जिसे सुनकर भोपाल पुलिस के नीचे जमीन खिसक गई थी, अब इस मामले में एक और खबर आई। सीरियल किलर आदेश खामरा Aadesh Khamra News को शनिवार को सजा सुनाई गई। सजा के साथ साथ आदेश खामरा और उसके साथी (Aadesh Khamra Court News)पर जुर्माना लगाया गया।
तीन साल की सजा सुनाई गई
गौरतलब है कि ट्रक चोरी के मामले में आदेश को तीन साल की (Aadesh Khamra Court News)सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश जयंत शर्मा की कोर्ट ने खामरा और उसके सहआरोपी बलजिंदर सिंह और सुनील खटीक को दो-दो साल की सजा व 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
ये था मामला
3 जनवरी 2018 में मोहन मधुवन ढाबे से ट्रक चोरी चला गया था। इसकी शिकायत बिलखिरिया थाने में की गई थी। आदेश खामरा पर 34 लोगों की हत्या का आरोप है। इसके बाद सीरियल किलर आदेश खामरा सुर्खियों में आया था।
साल 2018 में आया था सुर्खियों
साल 2018 में भोपाल पुलिस एक मामले को लेकर मंडीदीप में रहने वाले एक दर्जी को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से गिरफ्तार करती है। लेकिन जब दर्जी ने अपने बारे में पुलिस को बताना शुरू किया तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।
पहले खैनी खाया फिर गुनाह कबूला
दरअसल, भोपाल पुलिस पुणे से भोपाल आ रहे चीनी से भरे ट्रक के ड्राइवर की हत्या मामले में खामरा को तलाश रही थी। पुलिस को नहीं पता था कि ये मामूली सा दिखने वाला दर्जी कोई सिरियल किलर है।
भोपाल पुलिस ने जैसे ही उससे पुछताछ शुरू की। उसने पहले तो कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। लेकिन बाद में उसने कहा- पहले मुझे खैनी खिलाओ तब मैं सबकुछ बताउंगा। पुलिस ने ऐसा ही किया। कामरा ने पहले इत्मीनान से खैनी खाया। उसके बाद अपना गुनाह कबूलना शुरू किया।
दिन में दर्जी का काम करता था
पुलिस को लग रहा था कि इसने बस एक ही अपराध किया है। लेकिन जैसे-जैसे उसने एक के बाद एक 30 गुनाह कबूले। पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। कामरा ने पुलिस को बताया कि उसने 30 से ज्यादा ड्राइवरों और हेल्परों की हत्या की है।
खामरा मंडीदीप में रहता था। दिन में सिलाई करता और रात में शहर के अंदर आने वाले ट्रकों को लुटता था। वो अपने सहयोगी जयकरण प्रजापति के साथ मिलकर ट्रक ड्राइवरों को अपनी बतों में फंसाता और फिर नशीली दवा पिलाकर उन्हें बेहोश कर देता।
खामरा को एक ट्रक से 25 से 30 हजार रूपये मिलते थे
इसके बाद वह ट्रक लेकर ग्वालियर की तरफ निकल जाता। जहां ड्राइवर और हेल्पर की हत्या करके शवों को बीना कपड़े के फेंक देता। पुलिस भी इस घटना से हैरान थी। क्योंकि कई महीनों से मध्यप्रदेश में अज्ञात शव मिलने की घटना बढ़ गई थी।
25 से 30 हजार रूपये ही मिलते थे
हत्या करने के बाद खामरा और उसके साथी ट्रक पर लोड सामान को ग्वालियर में बेचते थे। इसके बाद खाली ट्रक को उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर के राज्यों में बेच देते थे। हालांकि इस पूरे खेल में खामरा को एक ट्रक से केवल 25 से 30 हजार रूपये ही मिलते थे।
ऐसे पकड़ा गया खामरा
दरअसल, सितंबर 2018 में चीनी से भरा एक ट्रक पुणे से भोपाल के लिए चला। यह ट्रक भोपाल निवासी मनोज शर्मा का था। मनोज ने अपने ट्रक में जीपीएस लगा रखा था। जिससे उन्हें ये पता जल जाता कि उनका ट्रक किस टोल नाके से निकला है। उन्हें लास्ट मैसेज कानपुर के पास किसी टोल नाके को पार करने का आया था। जिसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
पुलिस ने इस मामले में पहले खामरा के सहयोगी जयकरण को गिरफ्तार किया। इसके बाद उसकी निशानदेही पर खामरा को भी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।