हाइलाइट्स
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पटना में TRE-4 उम्मीदवारों का भारी विरोध प्रदर्शन शुरू
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मांग- सरकार 1.20 लाख पदों पर नोटिफिकेशन जारी करे
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शिक्षा मंत्री ने 26 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की बात कही
Bihar Candidate Protest TRE-4: बिहार में चौथे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-4) को लेकर मंगलवार को पटना की सड़कों पर हजारों अभ्यर्थी उतर आए। उम्मीदवारों की सबसे बड़ी मांग है कि सरकार पहले घोषित 1.20 लाख पदों पर बहाली का नोटिफिकेशन जारी करे। छात्रों का कहना है कि दिसंबर में परीक्षा से पहले ही सभी पदों पर बहाली का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाए।
शिक्षक दिवस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा था कि सरकार चौथे चरण में 26 हजार से अधिक पदों पर भर्ती कराने जा रही है। उन्होंने परीक्षा की तारीख भी घोषित कर दी थी। मंत्री के अनुसार TRE-4 की परीक्षा 16 से 19 दिसंबर 2025 के बीच होगी और परिणाम 20 से 26 जनवरी 2026 तक जारी कर दिए जाएंगे। मंत्री ने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी (transparent) और समयबद्ध होगी।
अभ्यर्थियों की नाराजगी क्यों बढ़ी
सरकार ने पहले संकेत दिया था कि TRE-4 में एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती होगी। लेकिन शिक्षक दिवस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बयान दिया कि चौथे चरण में सिर्फ 26 हजार से अधिक पद ही भरे जाएंगे। इसी बयान के बाद उम्मीदवारों ने आंदोलन तेज कर दिया। उनका आरोप है कि सरकार लगातार वादाखिलाफी कर रही है।
पुलिस ने की बैरिकेडिंग
सुबह 11 बजे पटना कॉलेज से अभ्यर्थियों का जुलूस निकला। हजारों उम्मीदवार खेतान मार्केट, बाकरगंज, गांधी मैदान और जेपी गोलंबर होते हुए डाक बंगला चौराहा पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास घेरने का ऐलान किया गया। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने जेपी गोलंबर पर भारी बैरिकेडिंग (barricading) की और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। भीड़ बढ़ने से बेली रोड और आसपास के इलाकों में जाम की स्थिति बन गई।
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उम्मीदवारों ने कहा- जानबूझकर टाली जा रही परीक्षा
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि TRE-4 परीक्षा अप्रैल में हो जानी चाहिए थी, लेकिन जानबूझकर इसे टाला गया। अब सरकार दिसंबर में परीक्षा कराने की बात कर रही है। आंदोलनकारियों का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले अगर परीक्षा नहीं हुई तो लाखों अभ्यर्थी वोट का बहिष्कार करेंगे। उनका आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही से मुख्यमंत्री की छवि धूमिल हो रही है और बेरोजगारों का भविष्य खतरे में है।
27 हजार पदों पर परीक्षा युवाओं के साथ धोखा
छात्र नेता दिलीप ने आरोप लगाया कि जब तक डोमिसाइल नीति लागू नहीं थी, तब सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही थी। पहले 50 हजार, फिर 80 हजार और बाद में 1.20 लाख पदों की भर्ती का वादा किया गया। लेकिन डोमिसाइल लागू होते ही सीटों की संख्या घटाकर मात्र 27,910 कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट दर्शाता है कि पहले बाहरी राज्यों के युवाओं को नौकरी देने के लिए आंकड़े बढ़ाए गए थे, लेकिन अब बिहार के युवाओं के साथ विश्वासघात किया जा रहा है।
दिलीप ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कई बार 1.20 लाख पदों पर भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन अब केवल 27 हजार पदों पर परीक्षा कराना युवाओं के साथ धोखा है। उन्होंने बताया कि TRE-4 परीक्षा अप्रैल में होनी चाहिए थी, लेकिन इसे जानबूझकर टाला गया। अब सरकार दिसंबर में परीक्षा की बात कर रही है, जब चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चुनाव से पहले परीक्षा नहीं हुई, तो लाखों अभ्यर्थी वोट बहिष्कार का रास्ता अपनाएंगे।
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