Pitru Paksha 2025 Matra Shradhha: 7 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहे हैं। रविवार को पूर्णिमा श्राद्ध रहेगा। इसी के साथ 16 दिनी पितृपक्ष शुरू हो जाएंगे।
ऐसे में चलिए जानते हैं परिवार में किसी महिला सदस्य की मृत्यु के बाद श्राद्ध पक्ष में उनकी तिथि कब मानी जाती है, क्या महिलाओं का श्राद्ध मातृ नवमीं को ही किया जाता है।
मातृ नवमीं को किसका श्राद्ध होता है
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार परिवार में महिलाओं का श्राद्ध उनकी तिथि पर किया जाता है।
पर जिन्हें अपने पूर्वजों में दिवंगत महिलाओं का श्राद्ध (Pitru Paksha 2025 Matra Shradhha) नहीं पता होता है उनके लिए मातृ श्राद्ध या पितृमोक्ष अमावस्या की तिथि होती है जब इनके प्रति श्राद्ध किया जा सकता है।
पितृ पक्ष 2025 श्राद्ध तिथियां और मूहूर्त
तिथि (2025) | वार | श्राद्ध | कुतुप मूहूर्त | रौहिण मूहूर्त | अपराह्न काल |
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7 सितम्बर | रविवार | पूर्णिमा श्राद्ध | 11:54 AM – 12:44 PM | 12:44 PM – 01:34 PM | 01:34 PM – 04:05 PM |
8 सितम्बर | सोमवार | प्रतिपदा श्राद्ध | 11:53 AM – 12:44 PM | 12:44 PM – 01:34 PM | 01:34 PM – 04:04 PM |
9 सितम्बर | मंगलवार | द्वितीया श्राद्ध | 11:53 AM – 12:43 PM | 12:43 PM – 01:33 PM | 01:33 PM – 04:03 PM |
10 सितम्बर | बुधवार | तृतीया श्राद्ध | 11:53 AM – 12:43 PM | 12:43 PM – 01:33 PM | 01:33 PM – 04:02 PM |
10 सितम्बर | बुधवार | चतुर्थी श्राद्ध | 11:53 AM – 12:43 PM | 12:43 PM – 01:33 PM | 01:33 PM – 04:02 PM |
11 सितम्बर | गुरुवार | पंचमी श्राद्ध | 11:53 AM – 12:42 PM | 12:42 PM – 01:32 PM | 01:32 PM – 04:02 PM |
12 सितम्बर | शुक्रवार | षष्ठी श्राद्ध | 11:53 AM – 12:42 PM | 12:42 PM – 01:32 PM | 01:32 PM – 04:02 PM |
13 सितम्बर | शनिवार | सप्तमी श्राद्ध | 11:52 AM – 12:42 PM | 12:42 PM – 01:31 PM | 01:31 PM – 04:00 PM |
14 सितम्बर | रविवार | अष्टमी श्राद्ध | 11:52 AM – 12:41 PM | 12:41 PM – 01:31 PM | 01:31 PM – 03:59 PM |
15 सितम्बर | सोमवार | नवमी श्राद्ध | 11:51 AM – 12:41 PM | 12:41 PM – 01:30 PM | 01:30 PM – 03:58 PM |
16 सितम्बर | मंगलवार | दशमी श्राद्ध | 11:51 AM – 12:41 PM | 12:41 PM – 01:30 PM | 01:30 PM – 03:57 PM |
17 सितम्बर | बुधवार | एकादशी श्राद्ध | 11:51 AM – 12:41 PM | 12:41 PM – 01:30 PM | 01:30 PM – 03:56 PM |
18 सितम्बर | गुरुवार | द्वादशी श्राद्ध | 11:51 AM – 12:39 PM | 12:39 PM – 01:28 PM | 01:28 PM – 03:55 PM |
19 सितम्बर | शुक्रवार | त्रयोदशी श्राद्ध | 11:51 AM – 12:39 PM | 12:39 PM – 01:28 PM | 01:28 PM – 03:55 PM |
20 सितम्बर | शनिवार | चतुर्दशी श्राद्ध | 11:50 AM – 12:39 PM | 12:39 PM – 01:27 PM | 01:27 PM – 03:54 PM |
21 सितम्बर | रविवार | सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध | 11:51 AM – 12:38 PM | 12:38 PM – 01:27 PM | 01:27 PM – 03:53 PM |
पितृपक्ष में क्यों नहीं कटवाते बाल और नाखून
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार पितृ पक्ष सुख का नहीं बल्कि दुख का त्योहार है, इसलिए इन दिनों में दुख व्यक्त करने के लिए बाल और नाखून नहीं काटे जाते।
बाल और नाखून न कटवाना (pitru paksha me kyon nahi kaate baal or Nails) शोक का प्रतीक है, यानी हम शोक में हैं, इसलिए एक तरह से हम दुख व्यक्त कर रहे हैं।
बाल और नाखून न कटवाने का धार्मिक कारण
आपने अक्सर देखा होगा नवरात्रि और पितृपक्ष (श्राद्ध पक्ष) दो ऐसे त्योहार हैं जब बाल और नाखून काटने के लिए मना किया जाता है। पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार भी धार्मिक कारण बताया गया है।
जिस तरह नवरात्रि में भगवान की साधना की जाती है। उसी तरह पितृ देव (pitru paksha date 2025) भी हमारे लिए भगवान स्वरूप हैं। इसलिए इस दौरान भी नाखून और बाल नहीं काटना चाहिए।
भूल कर भी न करें ये शुभ काम
ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, घर के लिए महत्वपूर्ण चीजों की खरीददारी न करें।
इसके अलावा पितृ पक्ष (कड़वे दिन) में नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए। श्राद्ध का कार्य दिन में करना चाहिए।
नोट : इस लेख में दी गई सभी सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने के पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले लें।
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