Chandra Grahan 2025 Lunar Eclipse Effect Sutak Kumbh Rashi : रविवार 7 सितंबर को साल का पहला खग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार इसका असर भारत में भी दिखाई देगा।
ज्योतिष में ग्रहण को बहुत खास माना जाता है। इस दौरान ग्रहों की चाल देश दुनिया के साथ साथ सभी राशियों पर शुभ अशुभ प्रभाव छोड़ती है।
ऐसे में रविवार को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब से शुरू होगा। इसका असर किसे लाभ दिलाएगा किसे इससे सतर्क रहने की जरूरत है, जानेंगे ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से।
चंद्र ग्रहण का सभी 12 राशियों पर असर
मेष राशि
मेष राशि वालों के आर्थिक जीवन में उतार चढ़ाव हो सकता है।
वृष राशि
वृष राशि वालों को सेहत का ध्यान रखना होगा।
मिथुन राशि
स्वास्थ्य और मुकदमेबाजी का ध्यान रखें
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण नकारात्मक रहेगा
सिंह राशि
सिंह वालों किसी नए काम की शुरुआत न करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों को रोग-बीमारियों से बचाव होगा। आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा।
तुला राशि
तुला राशि वालों को आर्थिक मोर्चे पर संभलकर निर्णय लेना होंगे।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को धन और संपत्ति का नुकसान हो सकता है। संभलकर रहें।
धनु राशि
धनु राशि वालों को करियर में कोई बड़ा अवसर मिल सकता है।
मकर राशि
मकर राशि वालों को पारिवारिक जीवन में समस्या आ सकती है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों को चंद्र ग्रहण आपकी राशि में ही लग रहा है।
मीन राशि
मीन राशि वालों को पारिवारिक जीवन में बहुत ध्यान से रहना होगा।
चंद्र ग्रहण सूतक, स्पर्श, मध्य, मोक्ष काल
घटना / विवरण | समय / अवधि |
---|---|
स्पर्श (आरंभ) | रात्रि 9:59 बजे |
मध्य | रात्रि 11:43 बजे |
मोक्ष (समापन) | रात्रि 1:29 बजे |
ग्रासमान | 1.367 |
पर्वकाल | 3 घंटा 30 मिनट |
सूतक प्रारंभ | दिन 12:59 बजे से |
खग्रास चंद्रग्रहण 2025 का राशियों पर असर
विशेष अनिष्टकारक: कुम्भ राशि (शतभिषा नक्षत्र)
अशुभ: मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, मीन
शुभ: मेष, वृष, कन्या, धनु
2026 में लगेगा दूसरा चन्द्रग्रहण (खण्डग्रास चन्द्रग्रहण)
हिन्दू पंचांग के अनुसार सितंबर 2025 के बाद अगले साल यानी 2026 में अगला खग्रास खंडग्रास चंद्रग्रहण लगेगा।
तारीख: 3 मार्च 2026 (फाल्गुन शुक्ल 15, मंगलवार)
नक्षत्र/राशि: पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, सिंह राशि
कहाँ-कहाँ दिखाई देगा:
भारत, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशान्त महासागर, अमेरिका
समय सारणी:
स्पर्श: सायं 6:14 बजे
मध्य: सायं 6:39 बजे
मोक्ष: रात्रि 7:02 बजे
ग्रासमान: 1.154
पर्वकाल: 48 मिनट
सूतक प्रारंभ: दिन 9:14 बजे से
खग्रास चंद्रग्रहण 2026 का राशियों पर असर
विशेष अनिष्टकारक: सिंह राशि (पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र)
अशुभ: मेष, वृष, कर्क, कन्या, धनु, मकर, कुम्भ
शुभ: मिथुन, तुला, वृश्चिक, मीन
चंद्रग्रहण का भारत पर प्रभाव
- उपद्रव बढ़ सकते हैं
- ओडिशा, आंध्र पर प्रभाव
- बंगाल, महाराष्ट्र पर असर
- पहाड़ी राज्यों पर भी असर
संवत् 2082 में भारत में दिखाई देने वाले चन्द्रग्रहण
ग्रहण प्रकार | तिथि / दिन | नक्षत्र व राशि | कहाँ-कहाँ दिखेगा | समय (भारतीय समयानुसार) | सूतक प्रारंभ | जिन राशियों पर असर | फल |
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खग्रास चन्द्रग्रहण | 7 सितम्बर 2025 (रविवार) | शतभिषा नक्षत्र, कुम्भ राशि | भारत, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, हिन्दमहासागर, यूरोप, अटलांटिक महासागर | स्पर्श: 9:59 रात मध्य: 11:43 रात मोक्ष: 1:29 रात अवधि: 3 घंटे 30 मिनट |
12:59 दोपहर से | विशेष अनिष्ट: कुम्भ अशुभ: मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, मीन शुभ: मेष, वृषभ, कन्या, धनु |
कुम्भ राशि वालों के लिए कठिन, शेष राशियों को मिला-जुला फल |
खण्डग्रास चन्द्रग्रहण | 3 मार्च 2026 (मंगलवार) | पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, सिंह राशि | भारत, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अमेरिका | स्पर्श: 6:14 शाम मध्य: 6:39 शाम मोक्ष: 7:02 रात अवधि: 48 मिनट |
9:14 सुबह से | विशेष अनिष्ट: सिंह अशुभ: मेष, वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर, कुम्भ शुभ: मिथुन, तुला, वृश्चिक, मीन |
सिंह राशि वालों के लिए कठिन, कुछ राशियों को शुभ परिणाम |
122 साल बाद भारत में अनोखा चंद्रग्रहण
- 122 साल बाद भारत में अनोखा चंद्रग्रहण
- 7 सितंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण लगने जा रहा है
- रात 9.58 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा
- 8 सितंबर को रात 1.26 मिनट पर खत्म होगा
- 14 दिन बाद 21 सितंबर को सूर्यग्रहण होगा
- पहली बार चंद्रगहण के साथ पितृ पक्ष शुरू होगा
- दुर्लभ संयोग वाले चंद्रग्रहण को लेकर कई चेतावनी
- भारत में पूरी तरह दिखाई देगा चंद्रग्रहण
- भारत के लिए चंद्रग्रहण बेहद खास होगा
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