Surguja DPS School Punishment Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। सीतापुर के प्रतापगढ़ स्थित डीपीएस पब्लिक स्कूल (DPS Public School) में कक्षा 2 (Class 2) में पढ़ने वाली बच्ची समृद्धि गुप्ता को टॉयलेट जाने पर ऐसी सजा मिली, जिसने उसके बचपन को झकझोर कर रख दिया।
आरोप है कि स्कूल की शिक्षिका नम्रता गुप्ता (Teacher Namrata Gupta) ने बच्ची को 100 बार उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया।
बच्ची अस्पताल में भर्ती
लगातार उठक-बैठक करने से बच्ची की टांगों ने जवाब दे दिया। बच्ची समृद्धि पिछले चार दिनों से अस्पताल (Hospital) में भर्ती है और चलने तक में असमर्थ हो चुकी है।
डॉक्टरों का कहना है कि पैर में अत्यधिक दर्द और मांसपेशियों पर दबाव के कारण बच्ची की हालत गंभीर हो गई है। उसके पिता अनुराग गुप्ता का कहना है कि उनकी बेटी अब कदम तक नहीं उठा पा रही।
स्कूल प्रबंधन का रवैया कठोर
पीड़ित पिता ने मामले की शिकायत स्कूल प्रबंधन से की, लेकिन स्कूल ने इस घटना से किनारा करते हुए कहा कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। मजबूरन परिजन पुलिस अधीक्षक सरगुजा (SP Surguja) के पास पहुंचे और शिक्षिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
शिक्षा के मंदिर में डर का माहौल
यह घटना उस समय सामने आई है जब पूरा देश शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मना रहा था। यह सवाल उठाता है कि आखिर बच्चों को शिक्षा देने वाले संस्थानों में अनुशासन के नाम पर ऐसी अमानवीय सजा क्यों दी जाती है?
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को सुधारने के लिए सकारात्मक तरीके अपनाने चाहिए, न कि शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देकर।
समाज और अभिभावकों में गुस्सा
इस घटना के बाद इलाके में आक्रोश है। अभिभावक संगठन और समाज के लोग सवाल उठा रहे हैं कि यदि शिक्षा के नाम पर बच्चों को इस तरह पीटा जाएगा, तो वे सुरक्षित कैसे महसूस करेंगे?
लोग सोशल मीडिया (Social Media) पर भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं और आरोपी शिक्षिका पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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