हाइलाइट्स
- 2.20 करोड़ का गेहूं, चावल और नमक सफा चट्ट
- 33 लोगों के खिलाफ प्रशासन ने FIR दर्ज कराई
- पोर्टल में हेर- फेर कर के राशन की मात्रा कम की
Jabalpur Ration Scam: मध्य प्रदेश के जबलपुर में गरीबों का राशन हड़पने का मामला सामने आया है। यहां अधिकारियों ने पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के तहत मिलने वाले ₹2.20 करोड़ का गेहूं, चावल और नमक सफा चट्ट कर दिया है। अब इस मामले में 33 लोगों के खिलाफ प्रशासन ने FIR दर्ज कराई है।
जानकारी के मुताबिक, इस अनाज घोटाले में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी भावना तिवारी, जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बानो बकाई सहित खाद्य विभाग के चार अधिकारियों की साठ गांठ थी। मामला तब सामने आया कुछ राशन दुकानदारों ने स्टॉक एडजस्टमेंट के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली। इसके बाद शुरू हुआ जांच का दौर और खाद्य विभाग ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), हैदराबाद से पोर्टल की जांच कराई, जिसमें सामने आया कि फर्जी लॉगिन आईडी और संदिग्ध आईपी एड्रेस का इस्तेमाल कर राशन स्टॉक की मात्रा को कम किया जा रहा था। जांच के दौरान ये सामने आया कि यह घोटाला सुनियोजित तरीके से किया गया था। जिसमें सबकी सांठ- गाठ थी।
11 दुकानों में राशन की कमी, 2.20 करोड़ का स्टॉक गायब
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के मुताबिक यह मामला 2022 का है। जिसमें करीब 11 दुकानों में राशन की कमी हुई और पोर्टल से भी हेरा फेरी कर हटा दिया गया था। जांच रिपोर्ट में पाया कि 391.780 मीट्रिक टन गेहूं, 338.789 मीट्रिक टन चावल और अन्य सामग्री मिलाकर कुल ₹2.20 करोड़ का स्टॉक गायब था।
घोटाले में करीब 33 लोगों शामिल
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के मुताबिक, इस घोटाले में करीब 33 लोगों शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि कमिश्नर फूड के निर्देश पर जब जांच कराई गई थी। जांच के दौरान पता चला कि जबलपुर के लॉगिन और पासवर्ड से ही इस पोर्टल को एक्सेस किया गया था। इसमें कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी भावना तिवारी, जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बानो बकाई सहित खाद्य विभाग के चार अधिकारी शामिल हैं। फआईआर दर्ज कर ली गई है। इसमें चार सरकारी कर्मचारियों पर भी एफआईआर कराई है। सभी 33 आरोपियों के खिलाफ़ भारतीय न्याय संहिता 2023 की विभिन्न धाराओं के अलावा मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत भी आरोप लगाए हैं।
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