CG PSC Controversy: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक बार फिर से लोक सेवा आयोग (Public Service Commission) यानी पीएससी (PSC) परीक्षा विवादों में घिर गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पीएससी परीक्षा की गोपनीयता पूरी तरह खत्म हो चुकी है और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने वालों के नाम तक खुलेआम सामने आ रहे हैं।
बीजेपी पर चुनावी वादाखिलाफी का आरोप
दीपक बैज ने कहा कि विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा यूपीएससी (UPSC) की तर्ज पर कराई जाएगी। लेकिन, सत्ता में आने के बाद सरकार ने इस परीक्षा को मजाक बना दिया है। उन्होंने कहा कि जब इतनी अहम परीक्षा की विश्वसनीयता ही दांव पर लग गई हो तो प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों का भविष्य बर्बाद होना तय है।
शिक्षकों और अपात्रों को कॉपी जांच की जिम्मेदारी
एक वेबसाइट रिपोर्ट का हवाला देते हुए दीपक बैज ने बताया कि बिलासपुर (Bilaspur) के पीजीबीटी कॉलेज (PGBT College) के कुछ शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रहे हैं। इसमें विद्याभूषण शर्मा (Vidyabhushan Sharma), सलीम जावेद (Salim Javed) और कॉलेज प्रिंसिपल का नाम भी शामिल है। यही नहीं, कई ऐसे शिक्षक जो डेपुटेशन (Deputation) पर हैं या अपात्र माने जाते हैं, उन्हें भी कॉपी जांचने की जिम्मेदारी दे दी गई है।
गोपनीयता पर गंभीर सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि जब पांचवीं बोर्ड (5th Board Exam) की कॉपी जांचने वालों के नाम तक गोपनीय रखे जाते हैं, तब पीएससी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में यह गोपनीयता क्यों नहीं बरती गई? उनका कहना था कि जब मूल्यांकन करने वालों के नाम बाजार में चर्चा का विषय बन जाएं, तो निष्पक्षता और पारदर्शिता की गारंटी खत्म हो जाती है।
सीबीआई जांच की मांग
दीपक बैज ने इस पूरे मामले की सीबीआई (CBI) जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आयोग की साख दांव पर लगी है और अगर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो हजारों युवाओं के सपनों पर पानी फिर जाएगा।
यह भी पढ़ें: CG Free Electricity Scheme: छत्तीसगढ़ियों को सितंबर में लगेगा बिजली का झटका, अब इतनी यूनिट तक मिलेगी छूट, जानें डिटेल