हाइलाइट्स
- व्यापमं घोटाले में 122 आरोपियों पर तय होंगे आरोप
- सुप्रीम कोर्ट आदेश पर सीबीआई ने संभाली थी जांच
- कांग्रेस विधायक के बेटे समेत कई डॉक्टर आरोपी
Vyapam Scam Update: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में लगभग 10 साल बाद आरोप तय होने जा रहे हैं। यह वही घोटाला है जिसने न केवल राज्य बल्कि देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं। फर्जी तरीके से पीएमटी पास कराने और परीक्षा में जालसाजी से जुड़े इस मामले में अब विशेष सीबीआई ट्रायल कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी। कुल 122 आरोपी इस केस में शामिल हैं, जिनमें कई डॉक्टर और प्रभावशाली लोगों के नाम भी हैं।
2013 में पहली बार दर्ज हुआ एफआईआर
इस मामले में सबसे पहले 2013 में झांसी रोड थाना, ग्वालियर में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। जांच शुरू होने से पहले यह केस एसआईटी के पास था, लेकिन आदेश के बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। जुलाई 2015 में सीबीआई ने केस दर्ज किया और फिर 5 दिसंबर 2020 को कोर्ट में चालान पेश किया।
लगभग पांच साल बाद, 3 जुलाई 2025 को सीबीआई मजिस्ट्रेट कोर्ट से केस कमिट हुआ और 26 जुलाई 2025 को डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज ने आदेश देकर इसे विशेष सीबीआई ट्रायल कोर्ट में भेज दिया। अब अदालत में आरोप तय होंगे और सुनवाई शुरू होगी।
कई चर्चित नाम फर्जीवाड़े में शामिल
इस घोटाले में कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने हमेशा इस केस को सुर्खियों में बनाए रखा। कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह के बेटे अमितेश कुमार का नाम इसमें शामिल है। निगम अधिकारी डॉ. अतिबल सिंह यादव के बेटे अरुण यादव भी आरोपी बनाए गए हैं। इसके अलावा लखनऊ की डॉक्टर स्वाति सिंह पर आरोप है कि उन्होंने मोनिका यादव के स्थान पर पीएमटी परीक्षा दी। एडवोकेट अभिषेक पाराशर ने बताया कि यह आरोप सीबीआई की जांच और साक्ष्यों में सामने आया था।
अब कोर्ट में तय होंगे 122 आरोपियों पर आरोप
इस मामले में कुल 122 आरोपी हैं जिन पर अदालत में चार्ज तय किए जाएंगे। इनमें नौ से अधिक डॉक्टर शामिल हैं। आरोपियों की सूची लंबी है जिसमें डॉ. विजय सिंह, डॉ. उमेश कुमार बघेल, डॉ. अभिषेक सचान, अभिषेक सचान, डॉ. संजय वर्मा, डॉ. सुधीर सिंह, डॉ. उदय प्रताप सिंह, डॉ. सुरेंद्र कुमार, डॉ. हितेंद्र यादव, दीपक यादव, राहुल यादव, अजितेश सिंह यादव, संजय बाथम, अरुण यादव, दिलीप मुजाल्दे, सतीश यादव, शैलेंद्र निरंजन, विंध्यवासिनी कुमार, विशाल यादव, सचिन यादव, रामकुमार सिंह यादव, रामराज सिंह यादव, विकास कुमार यादव, कुमार गौरव और चांद खान के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
FAQ
Q. व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में एफआईआर कब दर्ज हुई थी और इसकी जांच किसने की?
इस मामले में पहली एफआईआर 2013 में झांसी रोड थाने, ग्वालियर में दर्ज की गई थी। शुरुआत में जांच एसआईटी ने की लेकिन 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसे सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया।
Q. कोर्ट में चालान कब पेश हुआ और अब मामला कहां तक पहुंचा है?
सीबीआई ने जुलाई 2015 में केस दर्ज करने के बाद 5 दिसंबर 2020 को कोर्ट में चालान पेश किया। 3 जुलाई 2025 को यह केस सीबीआई मजिस्ट्रेट कोर्ट से कमिट हुआ और 26 जुलाई 2025 को प्रधान जिला न्यायाधीश के आदेश पर इसे विशेष सीबीआई ट्रायल कोर्ट भेज दिया गया। अब 122 आरोपियों पर आरोप तय किए जाएंगे।
Q. इस केस में कितने आरोपी हैं और उनमें कौन-कौन शामिल है?
इस मामले में कुल 122 आरोपी हैं। इनमें कई डॉक्टर और चर्चित लोग शामिल हैं। इनमें कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह के बेटे अमितेश कुमार, निगम अधिकारी डॉ. अतिबल सिंह यादव के बेटे अरुण यादव, लखनऊ की डॉ. स्वाति सिंह, डॉ. विजय सिंह, डॉ. उमेश कुमार बघेल, डॉ. अभिषेक सचान पुत्र सुरेंद्र नाथ सचान, अभिषेक सचान पुत्र स्मेशचंद्र समेत 122 लोग शामिल हैं।
वनरक्षक भर्ती के कैंडिडेट अपात्र घोषित, उठा सवाल- ऑनलाइन के बाद फिजिकल टेस्ट में क्यों किया शामिल; ठोस सबूत की मांग
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) पर वनरक्षक और जेल विभाग की संयुक्त भर्ती परीक्षा 2022-23 को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कैंडिडेट्स का कहना है कि बोर्ड ने बिना ठोस इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।