Improve Eyesight Naturally: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बिजी लाइफस्टाइल में आंखों की सेहत सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। घंटों तक मोबाइल, लैपटॉप और टीवी की स्क्रीन के सामने रहने से आंखों की रोशनी कमजोर हो रही है, आंखों में जलन, थकान और धुंधला दिखना आम बात हो गई है। ये समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक में देखने को मिल रही है। ऐसे में लोग अक्सर इन समस्याओं के लिए दवाइयों और महंगे सप्लीमेंट्स पर निर्भर हो जाते हैं, लेकिन आयुर्वेद में ऐसे कई आसान और असरदार उपाय बताए गए हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। ऐसा ही एक घरेलू नुस्खा के बारे में आज हम बात करेंगे।
हमारी रसोई में मौजूद छोटे-छोटे बीज आंखों के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं हैं। ये बीज और कुछ नहीं बल्कि सौंफ है, जिसे अगर सही समय और सही तरीके से खाया जाए तो यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में बेहद असरदार साबित हो सकता है।
सौंफ के पोषक तत्व और फायदे
सौंफ में विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ये दोनों ही तत्व आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं।
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विटामिन A: यह आंखों की कोशिकाओं को मजबूत करता है और रेटिना की सेहत को बनाए रखता है।
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एंटीऑक्सीडेंट्स: ये आंखों को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं।
ऑक्सीडेटिव तनाव ही उम्र के साथ होने वाली आंखों की बीमारियों, जैसे मोतियाबिंद और मैक्यूलर डीजेनेरेशन, का एक बड़ा कारण है। सौंफ का नियमित सेवन इन बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
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आंखों की थकान और जलन में सौंफ के फायदे
स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण आंखों में जलन, सूखापन और थकान की समस्या बढ़ती जा रही है। सौंफ आंखों को ठंडक पहुंचाने का काम करती है। इसके अलावा यह आंखों की मांसपेशियों को भी रिलैक्स करती है, जिससे लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करने वालों को काफी राहत मिल सकती है।
सौंफ खाने का सही तरीका: आचार्य बालकृष्ण की सलाह
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि सौंफ का चूर्ण बनाकर इसका सेवन करना सबसे फायदेमंद होता है। इसके लिए सौंफ को अच्छे से पीसकर महीन पाउडर तैयार कर लें।
ऐसे करें सेवन
- सुबह और शाम, दोनों समय
- खाना खाने से पहले
- एक-एक चम्मच चूर्ण सादे पानी के साथ लें
नियमित रूप से इस नुस्खे को अपनाने से कुछ ही दिनों में आंखों की रोशनी में सुधार देखा जा सकता है।
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बारिश में क्यों बढ़ता है Eye Flu का खतरा?
बारिश का मौसम अपने साथ कई संक्रामक बीमारियां लेकर आता है। इन्हीं में से एक है आंखों का फ्लू, जिसे कंजक्टिवाइटिस भी कहते हैं। यह एक तरह का वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो आंखों की बाहरी परत को प्रभावित करता है।
लक्षण
आंखों में लालिमा, पानी आना, जलन, खुजली और चिपचिपापन
कारण
बारिश में नमी और गंदगी की वजह से बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं। संक्रमित व्यक्ति की आंख के पानी या टॉवल के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैल सकता है। गंदे हाथों से आंखों को बार-बार छूना भी इसका एक कारण हो सकता है। बारिश में पानी का ठहराव और गंदगी की वजह से वायरस को पनपने का मौका मिलता है। यही कारण है कि इस मौसम में आंखों का फ्लू सबसे ज्यादा फैलता है।
बचाव के उपाय
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आंखों को बार-बार धोते रहें
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संक्रमित व्यक्ति के टॉवल, रूमाल या तकिए का इस्तेमाल न करें
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आंखों में खुजली या जलन होने पर आंखों को रगड़ें नहीं
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जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें
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