Madhya Pradesh Moong Kharidi 2025: मध्यप्रदेश के तीन से अधिक जिलों में समर्थन मूल्य पर खरीदी मूंग जांच में अमानक मिली है, जिसके बाद से 33 हजार किसानों का 800 करोड़ रुपए का पेमेंट अटका हुआ है।
प्रदेशभर में करीब दो सप्ताह से पहले ही मूंग खरीदी खत्म हो चुकी है। इस साल मध्यप्रदेश में प्रदेश के टारगेट से अधिक मूंग खरीदा गया है। केंद्र से प्रदेश के लिए 3.51 लाख मीट्रिक टन मूंग खरीदी का टारगेट दिया था, हालांकि, प्रदेश सरकार ने 7.65 लाख मीट्रिक टन से अधिक मूंग खरीदी कर लिया है।
एफएक्यू में खरी नहीं मिली मूंग
नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर और रायसेन जिलों में जांच में मूंग अमानक निकली। जांच में सरकारी खरीदी के कई स्टॉक में मूंग की गुणवत्ता एफएक्यू के मापदंड में खरी नहीं उतरी है। ऐसे में अनुमान है कि करीब ₹200-250 करोड़ का भुगतान अटक सकता है।
यहां के स्टॉक का पेमेंट रोका
जांच के बाद कई स्टॉक में शामिल किसानों के पेमेंट को रोक दिया है। जिन स्टॉक में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है, उन स्टॉक वाले किसानों को रोक-रोककर रोजाना 100 करोड़ का पेमेंट जारी किया जा रहा है। मध्यप्रदेश वेयरहाउस कॉर्पोरेशन गुणवत्ता की जांच कर रहा है।
क्या है नियम ?
समर्थन मूल्य के एफएक्यू के नियम के मुताबिक, किसी भी स्टॉक में एक किसान की मूंग भी अमानक मिलती है तो पूरा स्टॉक रिजेक्ट कर दिया जाता है।
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