Cotton Textile Sector Import Duty End Date : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए बड़ी राहत देने का फैसला लिया है. देश में कपास की मौजूदगी बढ़ाने के लिए सरकार ने 19 अगस्त 2025 से 30 सितंबर 2025 तक कपास (HS कोड 5201) पर इंपोर्ट ड्यूटी को अस्थायी रूप से समाप्त किया था।
कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भारतीय कपड़ा उद्योग को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 19 अगस्त 2025 से 30 सितंबर 2025 तक कपास (HS कोड 5201) पर आयात शुल्क हटाने का फैसला किया था। अब इस छूट की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दी गई है। इस कदम का उद्देश्य निर्यातकों को समर्थन देना और टेक्सटाइल सेक्टर की कच्चे माल की जरूरतों को पूरा करना है। इससे भारतीय कपड़ा उद्योग को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में भी मदद मिलेगी।
अमेरिकी टैरिफ के बीच नई रणनीति
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% आयात शुल्क लगाने के कुछ ही घंटों बाद भारत ने 40 देशों में कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने की तैयारी की है। इस अभियान का मकसद उस भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर को सहारा देना है जो अमेरिकी टैरिफ की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
किन बाजारों पर रहेगा फोकस
इस योजना में जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैंड्स, पोलैंड, कनाडा, मेक्सिको, रूस, बेल्जियम, तुर्की, यूएई और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े वैश्विक बाजार शामिल हैं।
EPCs और भारतीय मिशनों की भूमिका
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन देशों में भारतीय उद्योग, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स (EPCs) और भारतीय मिशन मिलकर एक टारगेटेड स्ट्रैटेजी पर काम करेंगे। इसका उद्देश्य भारत को उच्च गुणवत्ता, टिकाऊ और इनोवेटिव टेक्सटाइल उत्पादों का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता स्थापित करना है।
5 करोड़ लोगों की आजीविका से जुड़ा उद्योग
भारत का टेक्सटाइल सेक्टर 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है और अमेरिकी शुल्क नीति से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। ऐसे में यह अभियान भारतीय कपड़ा निर्यात को विविध बनाने और वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
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