हाइलाइट्स
- भोपाल ज्यूडिशियल अकादमी में पालतू कुत्ते ने बच्चे को काटा
- पुलिस ने नहीं लिखी FIR
- कोर्ट पहुंचा मामला
MP Bhopal Judicial Academy Dog Attack Case: मध्यप्रदेश के भोपाल से एक मामला सामने आया है। जहां ज्यूडिशियल अकादमी में असिस्टेंट प्रोफेसर के बेटे को कुत्ते के काटने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो मामला कोर्ट पहुंच गया है। इसे लेकर पुलिस ने नगर निगम से भी जबाव मांगा है। जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है।
ज्यूडिशियल अकादमी में कुत्ते ने काटा
दरअसल पूरा मामला भोपाल के ज्यूडिशियल अकादमी का है। जहां 24 अगस्त को अकादमी के असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन का 9 साल का बेटा परिसर में खेल रहा था। उसी दौरान परिसर में ही मौजूद इंजीनियर अजय सोनी के पालतू कुत्ते ने उसे काट लिया।
परिवार वालों का आरोप है कि जब घटना की शिकायत तत्काल रातीबढ़ थाना पुलिस को की गई, तो पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। जिसके चलते पीड़ित परिवार ने कोर्ट का रुख किया है।
कुत्ते को पालने का नहीं है लायसेंस
जानकारी के अनुसार परिजनों के पास न तो कुत्तों को पालने का लायसेंस है और न ही उन्होंने कुत्ते का वैक्सीनेशन कराया है। इसे लेकर कोर्ट ने नगर निगम से भी जबाव मांगा है।
बच्चे को लग चुके हैं 8 इंजेक्शन
परिजनों के अनुसार बच्चे को कुत्ते ने काटा इसके बाद उसे 8 इंजेक्शन लग चुके हैं। इसके बाद भी बच्चे का शरीर कांप रहा है और उसके हाथ में तेज दर्द हो रहा है।
एमपी में कुत्ते पालने के नियम
लाइसेंस जरूरी
हर पालतू कुत्ते के लिए नगर निगम/नगर पालिका से लाइसेंस लेना होता है। बिना लाइसेंस कुत्ता पालना नियम विरुद्ध है।
वैक्सीन प्रमाणपत्र
कुत्ते का एंटी-रेबीज और अन्य आवश्यक वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र लाइसेंस के लिए देना अनिवार्य है।
कुत्ते की संख्या
एक परिवार या मकान में कितने कुत्ते रखे जा सकते हैं, यह स्थानीय नगर निगम के नियमों पर निर्भर करता है (अधिकतर शहरों में 1-2 कुत्ते की अनुमति होती है)।
पट्टा और नियंत्रण
सार्वजनिक जगहों पर कुत्ते को हमेशा पट्टे (leash) में रखना होगा। अगर कुत्ता किसी को काटता है तो मालिक जिम्मेदार होगा।
सफाई की जिम्मेदारी
कुत्ते के मल (poop) की सफाई करना मालिक की जिम्मेदारी है। सार्वजनिक स्थान पर गंदगी करने पर जुर्माना लग सकता है।
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