हाइलाइट्स
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यूपी मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने सांसद को भेजा नोटिस
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सड़क निर्माण विवाद पर 1 करोड़ मुआवजे की मांग
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भाजपा में मानहानि केस से बढ़ी अंदरूनी कलह
रिपोर्ट – अनुराग श्रीवास्तव
UP BJP Minister Legal Notice: उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास और पोषण मंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने अपनी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मिश्रिख से सांसद अशोक कुमार रावत और एक प्रमुख समाचार पत्र के चेयरपर्सन व संपादकीय निदेशक के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस उनके वकील रिषभ दुबे ने 08/08/2025 को भेजा है, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सड़क निर्माण में गुणवत्ता पर उठे सवाल
नोटिस के अनुसार, बिठूर-खेरेश्वर मंदिर सड़क (15 किमी) के निर्माण में गुणवत्ता के मुद्दों को लेकर मंत्री ने लोकहित में शिकायत दर्ज की थी। इस सड़क के निर्माण का बजट 40 करोड़ रुपये था, जिसे चभड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की देखरेख में बनाया था शिकायत के बाद पीडब्ल्यूडी के मुख्य सचिव अजय चौहान ने मुख्य अभियंता विजय सिंह को जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए।
सांसद पर जांच में बाधा डालने का आरोप
लेकिन, आरोप है कि सांसद अशोक कुमार रावत ने बिना तथ्यों की पुष्टि के पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखकर सड़क की गुणवत्ता को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए जांच में बाधा डाली। इसके साथ ही मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि, उन्होंने सार्वजनिक बयान देकर मंत्री की शिकायत को “राजनीतिक प्रचार” और “व्यक्तिगत लाभ” के लिए प्रेरित बताया, जो कि अपमानजनक और निराधार है।
समाचार पत्र पर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग का आरोप
इस विवादित वार्ता के बाद मंत्री ने आरोप लगाया कि बीती 09/08/2025 को एक प्रमुख समाचार पत्र ने इन बयानों को बिना तथ्य-जांच के प्रकाशित किया, जिससे मंत्री की छवि को व्यापक नुकसान पहुंचा। नोटिस में कहा गया है कि यह प्रकाशन पत्रकारिता के सिद्धांतों का उल्लंघन है। साथ ही लाखों पाठकों तक झूठी जानकारी पहुंची, जिससे मंत्री को मानसिक आघात, सामाजिक अपमान और सार्वजनिक विश्वास की हानि हुई है।
15 दिन में माफी और 1 करोड़ मुआवजे की मांग
मंत्री ने नोटिस में मांग की है कि 15 दिनों के भीतर सांसद और समाचार पत्र प्रबंधन सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, झूठे आरोपों को वापस लें, भविष्य में ऐसी कार्रवाई से बचें और 1 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान करें। यह मुआवजा राशि मंत्री की सार्वजनिक छवि के नुकसान को देखते हुए नाममात्र की बताई गई है।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अगर इन शर्तों का पालन नहीं हुआ, तो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499, 500, 501, 502 या भारतीई न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 356 (1), (2), (3) और (4) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही, 1 करोड़ रुपये के हर्जाने के साथ सिविल मुकदमा और अन्य कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
भाजपा में अंदरूनी कलह के संकेत
इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि दोनों ही पक्ष भाजपा से संबद्ध हैं। मंत्री की ओर से उठाया गया यह कदम पार्टी के भीतर तालमेल और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पक्षों पर नजर बनी हुई है, और कानूनी कार्रवाई की स्थिति में इसका राजनीतिक प्रभाव व्यापक हो सकता है।
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