Chief of Defence Staff Anil Chauhan Mhow Ran Samvad 2025 Update: मध्यप्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित ‘रण संवाद-2025’ में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है।
रण संवाद-2025 कार्यक्रम के शुभारंभ पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक आधुनिक युद्ध का उदाहरण रहा है, जिससे भारतीय सेना ने कई अहम सबक सीखे हैं और उन पर लगातार अमल किया जा रहा है। यह अभियान अभी भी जारी है। अब भविष्य में युद्ध जियोग्राफिकल सीमाओं से अलग होंगे। इसमें संयुक्त प्रशिक्षण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI, साइबर cyber, क्वांटम टेक्नोलॉजी को एक साथ लाना बेहद जरूरी है।
गीता-महाभारत युद्धनीति के बेहतरीन उदाहरण
सीडीएस चौहान ने बताया कि गीता और महाभारत में युद्धनीति के बेहतरीन उदाहरण मिलते हैं। इसी तरह चाणक्य नीति ने चंद्रगुप्त को विजय दिलाई थी। उन्होंने कहा कि शक्ति, उत्साह और युक्ति किसी भी युद्ध नीति की रीढ़ हैं। इसलिए शस्त्र और शास्त्र-दोनों का साथ जरूरी है।
शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहना होगा
सीडीएस चौहान ने आगे कहा कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है। हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम कमजोर या शांतिवादी हैं। उन्होंने एक उद्धरण का जिक्र करते हुए कहा— यदि आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहना होगा।
हाइपरसोनिक सिस्टम युद्ध की दिशा तय करेंगे
नौसेना के वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने कहा कि ड्रोन, आईएसआर, साइबर ऑपरेशंस और सूचना युद्ध यूक्रेन और गाजा संघर्ष में निर्णायक साबित हुए हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल की गई तकनीकों को और ज्यादा उन्नत बनाया जाने पर जोर दिया। एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने कहा कि एआई और मशीन लर्निंग, साइबर टेक्नोलॉजी, क्वांटम, अंतरिक्ष और प्रति-अंतरिक्ष तकनीक, डाइरेक्टेड एनर्जी वेपन्स और हाइपरसोनिक सिस्टम भविष्य के युद्ध की दिशा तय करेंगे।
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