हाइलाइट्स
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सुप्रीम कोर्ट को मिलेंगे 2 नए जज
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बॉम्बे और पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे SC जज
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MP हाईकोर्ट में जज रहे हैं आलोक अराधे
Supreme Court Judges Appointment Proposal: बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बनेंगे। आलोक अराधे अभी बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। वे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट और पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का प्रस्ताव
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस SC में बनेंगे जज
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली भी सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर नियुक्त होंगे।
जस्टिस आलोक अराधे
जस्टिस आलोक अराधे का जन्म 1964 में अविभाजित मध्य प्रदेश के रायपुर में हुआ था। उन्होंने बीएससी और एलएलबी की डिग्री हासिल की और 1988 से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में वकालत शुरू की। उन्होंने सिविल, संवैधानिक, मध्यस्थता और कंपनी मामलों में मुकदमे किए। जस्टिस अराधे को अप्रैल 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने मप्र हाईकोर्ट के दिवंगत मुख्य न्यायाधीश जीपी सिंह के साथ मिलकर एमपी जैन और एसएन जैन द्वारा लिखित पुस्तक “प्रिंसिपल्स ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ” के 5वें और 6वें संस्करणों का पुनरीक्षण किया था।
जस्टिस अराधे मध्य प्रदेश के न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में विजिटिंग फैकल्टी भी रहे। 29 दिसंबर 2009 को उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 15 फरवरी 2011 को उन्हें स्थायी कर दिया गया। इसके बाद 16 सितंबर 2016 को उनका तबादला जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में कर दिया गया। उन्होंने 11 मई 2018 को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया और 17 नवंबर 2018 को न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
तीन जुलाई 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। जस्टिस अराधे को 23 जुलाई 2023 को तेलंगाना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्हें 21 जनवरी 2025 को उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ट्रांसफर किया गया।
जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली
जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली का जन्म 28 मई 1968 को अहमदाबाद में हुआ था। उन्होंने सितंबर 1991 में गुजरात हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। 7 सालों तक वे गुजरात हाईकोर्ट में सहायक सरकारी अधिवक्ता और अतिरिक्त लोक अभियोजक रहे। उन्हें आपराधिक, सिविल, सेवा और संवैधानिक कानून के विभिन्न क्षेत्रों में एक्सपीरियंस है। जस्टिस पंचोली को 1 अक्टूबर 2014 को गुजरात हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 10 जून 2016 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था।
मंजूरी मिली तो सुप्रीम कोर्ट में हो जाएंगे 34 जज
अगर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी देती है तो सुप्रीम कोर्ट में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत पूर्ण संख्या हो जाएगी। दोनों जजों की नियुक्ति की सिफारिश का फैसला 5 सदस्यीय कॉलेजियम ने लिया है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर न्यायाधीश शामिल हैं।
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सुप्रीम कोर्ट में कैसे होती है जज की नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट में अभी जजों के पद खाली हैं, जिन्हें भरना न्यायालय की पूर्ण कार्य क्षमता बनाए रखने और लंबित मामलों के निस्तारण में मदद के लिए जरूरी है। न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया कॉलेजियम शुरू करता है। ‘मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर’ के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश प्रस्ताव शुरू करते हैं और कॉलेजियम से परामर्श करते हैं। इसके बाद ये सिफारिश केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री को भेजी जाती है, जो इसे प्रधानमंत्री के जरिए राष्ट्रपति को सलाह के लिए अग्रेषित करते हैं। फिर राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति करते हैं।
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