Chhattisgarh Employees Strike: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आज शासकीय कर्मचारी और अधिकारी बड़े पैमाने पर हड़ताल (Strike) पर रहे। इस दौरान मंत्रालय से लेकर कलेक्टर कार्यालय और नगर निगम तक अधिकांश सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा।
हड़ताल का आह्वान छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (Chhattisgarh Karmachari Adhikari Federation) ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर किया।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- लंबित डीए (DA) का भुगतान
- जीपीएफ (GPF) से जुड़ी समस्याओं का समाधान
- शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती
- संविदा और दैनिक वेतनभोगियों का नियमितीकरण
- अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate Appointment) प्रक्रिया को सरल बनाना
अंबिकापुर और सूरजपुर में विरोध प्रदर्शन
अंबिकापुर (Ambikapur) में कर्मचारी और अधिकारी गांधी चौक पर धरने पर बैठे। वहीं सूरजपुर (Surajpur) जिला मुख्यालय में रंगमंच मैदान पर बड़ी संख्या में कर्मचारी हाथों में तख्तियां लेकर सरकार को “मोदी की गारंटी (Modi Ki Guarantee)” के वादों की याद दिलाते हुए नारेबाजी करते रहे। अधिकांश सरकारी दफ्तरों में ताले लटके नजर आए और आम जनता के कामकाज प्रभावित हुए।
पहले भी सौंपा गया था ज्ञापन
फेडरेशन ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि 18 जुलाई 2025 को भी कलेक्टरों के माध्यम से सरकार को उनकी मांगें सौंपी गई थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि उनकी समस्याओं का लंबे समय से समाधान नहीं हो रहा है, जिससे गहरा असंतोष बढ़ रहा है।
सरकार को दी चेतावनी
प्रदर्शनकारी नेताओं ने साफ कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द फैसला नहीं हुआ, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ कर्मचारियों के हित के लिए नहीं है, बल्कि बेहतर प्रशासन और सुचारू व्यवस्था के लिए भी जरूरी है।
अब नजर इस बात पर है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
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