हाइलाइट्स
- बीजेपी में नियुक्तियों का प्लान तय, जल्द होगी घोषणा।
- शुक्रवार से तय होंगे निगम-मंडल और एल्डरमैन के नाम।
- जिन कार्यकर्ताओं के नाम पर सहमति उनको मिलेंगे पद।
MP BJP Nigam Mandal -Board Appointments: मध्यप्रदेश में लंबे समय से निगम-मंडलों और एल्डरमैन पदों पर नियुक्तियों की राह देख रहे बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए राहत की खबर है। पार्टी अब इन पदों पर नियुक्तियों की तैयारी में जुट गई है। कल शुक्रवार से रायशुमारी के आधार पर नाम तय किए जाएंगे, जिससे राजनीतिक पुनर्वास की राह खुल सकती है।
अब खुलेंगे बीजेपी की रायशुमारी के लिफाफे
मध्यप्रदेश बीजेपी में निगम-मंडल और एल्डरमैन जैसे पदों पर नियुक्ति के लिए चल रही लंबी कवायद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। पार्टी में लंबे समय से पद की उम्मीद लगाए बैठे कार्यकर्ताओं के नामों को लेकर शुक्रवार से निर्णय होना शुरू हो जाएगा।
पर्यवेक्षकों ने संगठन को सौंपी अपनी रिपोर्ट
दरअसल, बीजेपी ने हर जिले में दो-दो पर्यवेक्षकों को भेजकर रायशुमारी करवाई थी। उन्होंने विधायकों, सांसदों, जिलाध्यक्षों और पूर्व जिलाध्यक्षों से नाम लेकर प्रदेश संगठन को रिपोर्ट सौंपी है। अब इन रिपोर्टों के आधार पर उपयुक्त उम्मीदवारों को पद देने का निर्णय लिया जाएगा।
जिम्मेदारियों का संतुलन, “एक पद, एक व्यक्ति”
भोपाल में बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में तय किया गया कि जिन नेताओं को निगम-मंडल में नियुक्त किया जाएगा, उन्हें संगठन में जगह नहीं दी जाएगी और संगठन से जुड़े नेताओं को निगम-मंडलों में स्थान नहीं मिलेगा।
संगठन विस्तार की भी तैयारी
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल जल्द ही अपनी नई टीम की घोषणा करने वाले हैं। ऐसे में पार्टी अधिकतम कार्यकर्ताओं को समायोजित करने की रणनीति पर काम कर रही है।
बीजेपी संगठन में होंगे नए चेहरे
मध्यप्रदेश बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की सुगबुगाहट अब तेज हो गई है। लंबे समय से संगठन में कार्यरत चेहरों की जगह अब टीम हेमंत में नए और सक्रिय कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जा सकती है। साथ ही, उन नेताओं को भी मौका मिलेगा जो अब तक पर्दे के पीछे रहकर पार्टी के लिए अहम रणनीतिक कार्य करते आ रहे थे।
बीजेपी ने “एक व्यक्ति, एक पद” के फॉर्मूले को अमल में लाने का निर्णय लिया है। इस नीति के तहत जिन नेताओं को निगम, मंडल, बोर्ड या प्राधिकरण में पद दिए जाएंगे और जिन्हें मंत्री का दर्जा मिलेगा, उन्हें पार्टी के संगठन में किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। यह कदम संगठन और सत्ता दोनों में संतुलन बनाने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।
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इस महीने के अंत तक घोषित होंगी जिला कार्यकारिणियां
प्रदेश के सभी संगठनात्मक जिलों में बीजेपी की जिला कार्यकारिणी इस महीने के अंत तक घोषित की जाएगी। इसके लिए पहले ही पर्यवेक्षकों को भेजकर नामों की रायशुमारी पूरी कर ली गई है। खास बात यह है कि इस बार कार्यकारिणी में विधायकों के साथ-साथ चुनाव हारे हुए प्रत्याशियों की पसंद को भी खासा महत्व दिया जा रहा है, जिससे संतुलित नेतृत्व तैयार किया जा सके।
फिलहाल ब्यूरोक्रेसी के पास निगम-मंडलों का जिम्मा
मध्यप्रदेश में कुल 48 निगम, मंडल और प्राधिकरण हैं, जिनमें फिलहाल चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का प्रभार संबंधित विभागों के मंत्री, अपर मुख्य सचिव (ACS) या प्रमुख सचिव संभाल रहे हैं। लेकिन अब इन पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी है, जो लंबे समय से प्रतीक्षित है।