हाइलाइट्स
- इंदौर में सड़कों के नाम बदले जाने पर हंगामा।
- चंदन नगर इलाके में बदले गए गलियों के नाम।
- हिंदू नाम हटाकर रखे गए मुस्लिम आधारित नाम।
Indore Chandan Nagar Street Name Change Controversy: इंदौर के चंदन नगर इलाके में गलियों और सड़कों के नाम बदले जाने पर बवाल मच गया है। यहां गलियों के पारंपरिक हिंदू नामों को हटाकर मुस्लिम नाम रखे गए हैं। जिससे धार्मिक संतुलन और सामाजिक सद्भाव पर असर पड़ सकता है। यहां नगर निगम के बोर्ड में गलियों के नाम बदले गए हैं। अब इसको लेकर हिंदू संगठनों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। हिंदू संगठनों ने नाम बदले जाने पर आपत्ति जताई है। मामले में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र और बीजेपी के पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। अब मामले में नगर निगम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चंदन नगर में पहुंचकर इन विवादित बोर्ड को हटावाया है।
चंदन नगर में सड़कों के नाम बदलने पर विवाद
इंदौर में विधानसभा क्षेत्र क्र.1 के वार्ड 2 (चंदन नगर इलाके) में सड़कों और गलियों के नाम बदले जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नगर निगम द्वारा लगाए गए नए नाम बोर्डों में हिंदू नामों को हटाकर मुस्लिम नाम लिखे गए हैं, जिसे लेकर शहर में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है। गलियों के बोर्ड में हिंदू नामों की जगह मुस्लिम नाम लिखे जाने पर हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है। चंदन नगर की पार्षद फातिमा रफीक खान पर नाम अवैध तरीके से बदलवाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि इसके लिए पार्षद ने कारीगरों से सड़क के फुटपाथ पर बोर्ड लगवाए हैं।पार्षद ने मनमानी करते हुए यहां सकीना मंजिल रोड, गौसिया रोड, ख्वाजा रोड, हुसैनी रोड, रजा गेट नाम के बोर्ड लगाए हैं।
मिश्रा वाला रोड को किया ख्वाजा रोड
नगर इलाके में बोर्ड में गलियों के नाम बदले गए हैं। नगर निगम द्वारा लगाए गए नाम बोर्डों में ‘मिश्रा वाला रोड’ को ‘ख्वाजा रोड’, ‘लोहा गेट’ को ‘रजा गेट गली’ और ‘आम वाला रोड’ को ‘हुसैनी रोड’ कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पहले से लिखे नामों को मिटा कर नया नाम किया गया है। अब इन बदलावों के बाद क्षेत्र में विरोध शुरू हो गए हैं। हिंदू नामों को मुस्लिम किए जाने से हिंदू संगठनों में गुस्सा है, संगठनों ने इसे धार्मिक पहचान से छेड़छाड़ बताया है।
आकाश विजयवर्गीय ने निगम को लिखा पत्र
बीजेपी नेता और पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम को पत्र लिखा है। उन्होंने गलियों के नाम बदलने की प्रक्रिया को अवैध करार देते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की है।
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पार्षद ने अवैध तरीके से बदलवाए नाम
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने चंदन नगर क्षेत्र में गली नामों के विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पार्षद फातिमा रफीक खान द्वारा एमआईसी (कार्यपालिका समिति) की अनुमति के बिना लगाए गए नाम पट्टिका (बोर्ड) पूरी तरह अवैध हैं। इस तरह की प्रक्रिया न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि नगर निगम की अधिकारिता के खिलाफ भी है।
महापौर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अवैध रूप से बोर्ड लगवाने वाले पार्षद के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही निगम परिषद में निंदा प्रस्ताव भी लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की मनमानी पहले भी सामने आ चुकी है, करीब 8 महीने पहले ऐसे 10 से अधिक अवैध बोर्ड हटवाए गए थे। अब फिर से 4 से 5 नए बोर्ड सामने आए हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से हटवा दिया गया है। महापौर ने दो टूक कहा कि नगर निगम की स्वीकृति के बिना कोई भी गली या सड़क का नाम बदलना पूरी तरह नियमविरुद्ध है, और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस खबर से जुड़े पांच FAQ
Q1. इंदौर में गलियों के नाम बदलने का विवाद क्यों खड़ा हुआ है?
- उत्तर: चंदन नगर क्षेत्र में कुछ सड़कों और गलियों के नाम हिंदू नामों से बदलकर मुस्लिम नाम रख दिए गए, जैसे “मिश्रा वाला रोड” को “ख्वाजा रोड” और “लोहा गेट” को “रजा गेट गली” कर दिया गया।
Q2. आरोप किस पर लगे हैं और किसने ये बदलाव किए?
- उत्तर: स्थानीय पार्षद फातिमा रफीक खान पर आरोप है कि उन्होंने नगर निगम की एमआईसी (कार्यपालिका समिति) की अनुमति के बिना अवैध रूप से नए नाम के बोर्ड लगवाए हैं।
Q3. नगर निगम और महापौर की प्रतिक्रिया क्या रही?
- उत्तर: महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसे असंवैधानिक करार दिया है और संबंधित पार्षद के खिलाफ FIR दर्ज कराने और निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही है। साथ ही अवैध बोर्डों को हटाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
Q4. क्या पहले भी ऐसे अवैध नाम बोर्ड हटाए गए हैं?
- उत्तर: हाँ, महापौर के अनुसार करीब 8 महीने पहले 10 से ज्यादा अवैध नाम पट्टों को हटाया गया था। अब फिर से 4-5 बोर्ड सामने आए हैं, जिन्हें हटाया जा चुका है।
Q5. क्या गलियों के नाम बदलने के लिए कोई वैधानिक प्रक्रिया होती है?
- उत्तर: जी हाँ, किसी भी गली या सड़क का नाम बदलने के लिए नगर निगम की एमआईसी की औपचारिक स्वीकृति अनिवार्य होती है। इसके बिना किया गया कोई भी नाम परिवर्तन अवैध और असंवैधानिक माना जाता है।