हाइलाइट्स
- BCCI ने शुरू किया नया ब्रोंको फिटनेस टेस्ट
- यो-यो के साथ अब ब्रोंको टेस्ट भी अनिवार्य
- तेज गेंदबाजों की सहनशक्ति पर होगा फोकस
BCCI Bronco Test: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए एक नया फिटनेस टेस्ट शुरू किया है, जिसका नाम है ब्रोंको टेस्ट (Bronco Test)। यह टेस्ट पारंपरिक यो-यो टेस्ट (Yo-Yo Test) से अलग है और इसे खासतौर पर तेज गेंदबाजों की फिटनेस को परखने और सुधारने के लिए डिजाइन किया गया है।
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— Bansal News Digital (@BansalNews_) August 21, 2025
क्यों शुरू किया गया Bronco Test?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान कई भारतीय खिलाड़ियों का फिटनेस स्तर उम्मीद के मुताबिक नहीं था। खासकर तेज गेंदबाजों को लंबे स्पेल डालने में दिक्कत आई। इसी वजह से बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) ने यह नया फिटनेस टेस्ट लागू करने का फैसला किया।
स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने ब्रोंको टेस्ट का सुझाव दिया था और हेड कोच गौतम गंभीर ने इसे मंजूरी दी। कोचिंग स्टाफ का मानना है कि खिलाड़ियों को जिम पर कम और मैदान पर दौड़ने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
ऐसे होता है Bronco Test
ब्रोंको टेस्ट में एक खिलाड़ी को लगातार दौड़ लगानी होती है। इसकी प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है:
सबसे पहले खिलाड़ी 20 मीटर की शटल रन लगाता है।
इसके बाद 40 मीटर और फिर 60 मीटर की दौड़ लगानी होती है।
इन तीनों को मिलाकर एक सेट बनता है।
एक खिलाड़ी को बिना रुके ऐसे 5 सेट (कुल 1200 मीटर) पूरे करने होते हैं।
भारतीय क्रिकेटरों को यह टेस्ट 6 मिनट में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।
इसके साथ ही खिलाड़ियों के लिए 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल भी तय किया गया है।
तेज गेंदबाजों को 2 किमी दौड़ 8 मिनट 15 सेकंड में पूरी करनी होगी।
बल्लेबाज, विकेटकीपर और स्पिनर को यह दौड़ 8 मिनट 30 सेकंड में पूरी करनी होगी।
कैसे है यह Yo-Yo Test से अलग?
यो-यो टेस्ट में खिलाड़ी को 20 मीटर की दूरी पर आगे-पीछे दौड़ना होता है। हर शटल रन के बीच 10 सेकंड का आराम मिलता है। जैसे-जैसे स्तर बढ़ता है, दौड़ने की गति और समय कम होता जाता है। खिलाड़ी को तब तक दौड़ना होता है जब तक वह दो बार लगातार टेस्ट में विफल न हो जाए।
यो-यो टेस्ट पास करने के लिए खिलाड़ी को कम से कम 16.5 स्कोर हासिल करना जरूरी है।
जबकि ब्रोंको टेस्ट पूरी तरह से नॉन-स्टॉप रनिंग पर आधारित है और इसमें सहनशक्ति व एरोबिक क्षमता पर जोर दिया जाता है।
क्यों जरूरी है नया फिटनेस टेस्ट?
भारत के कई फास्ट बॉलर्स जैसे आकाशदीप और प्रसिद्ध कृष्णा को इंग्लैंड सीरीज में गेंदबाजी करने में कठिनाई हुई। वहीं, जसप्रीत बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत केवल तीन टेस्ट में खेलाया गया, जबकि मोहम्मद सिराज ही पूरे पांचों टेस्ट खेलने में सफल रहे।
ऐसे में बीसीसीआई चाहती है कि खिलाड़ी केवल जिम पर निर्भर न रहें बल्कि मैदान पर दौड़कर अपनी स्टैमिना और फिटनेस लेवल को उच्च स्तर पर बनाए रखें।
खिलाड़ियों को देना होगा दोनों टेस्ट
ध्यान देने वाली बात यह है कि ब्रोंको टेस्ट, यो-यो टेस्ट के अतिरिक्त है। यानी खिलाड़ियों को फिटनेस पास करने के लिए अब दोनों टेस्ट क्लीयर करने होंगे।
ध्यान दें
बीसीसीआई का नया ब्रोंको टेस्ट (Bronco Test) खिलाड़ियों की एरोबिक क्षमता, सहनशक्ति और रनिंग फिटनेस को परखने के लिए बेहद अहम साबित होगा। यह टेस्ट विशेष रूप से फास्ट बॉलर्स को ध्यान में रखकर बनाया गया है ताकि वे लंबी सीरीज में भी फिट बने रहें। अब टीम इंडिया के क्रिकेटरों को फिटनेस पास करने के लिए यो-यो टेस्ट और ब्रोंको टेस्ट दोनों में सफल होना अनिवार्य होगा।
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