Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के चर्चित शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में आबकारी विभाग (Excise Department) के अधिकारियों पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। ईओडब्ल्यू (EOW) की विशेष अदालत में पेशी के लिए बुलाए गए 28 अधिकारी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। नतीजतन, अदालत ने सभी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया।
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हाईकोर्ट ने खारिज की थी अग्रिम जमानत
हाल ही में हाईकोर्ट (High Court) ने इन 28 अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बावजूद पेशी के दिन कोई भी अधिकारी कोर्ट नहीं पहुंचा। अब कानूनन इन अधिकारियों की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।
कौन-कौन हैं आरोपी अधिकारी
शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए अधिकारियों में कई वरिष्ठ नाम शामिल हैं। इनमें जनार्दन कौरव, अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, अरविंद कुमार पाटले, प्रमोद कुमार नेताम, इकबाल खान, नितिन खंडुजा, नवीन प्रताप सिंह तोमर, मोहित कुमार जायसवाल, नीतू नोतानी ठाकुर, गरीबपाल सिंह दर्दी और नोहर सिंह ठाकुर जैसे अधिकारी शामिल हैं।
इनके अलावा कई सेवानिवृत्त अधिकारी भी आरोपित हैं, जिन पर अवैध शराब की समानांतर बिक्री की अनुमति देने का आरोप है।
क्या है बी-पार्ट शराब घोटाला?
इस घोटाले का बी-पार्ट (B-Part) बेहद संगठित तरीके से चलाया गया। वर्ष 2019 से 2023 तक 15 जिलों की सरकारी दुकानों में डिस्टलरी से सीधे अवैध शराब पहुंचाई जाती थी। इसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था।
इस नेटवर्क में डिस्टलरी मालिक, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी अधिकारी और मैन पावर एजेंसी के लोग शामिल थे।
घोटाले का पैमाना 3200 करोड़ तक पहुंचा
ईओडब्ल्यू (EOW) और एसीबी (ACB) की जांच के मुताबिक अब तक करीब 60,50,950 पेटी अवैध बी-पार्ट शराब बेची गई। इसकी कीमत पहले 2161 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन ताजा जांच में यह आंकड़ा 3200 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है।
कई बड़े चेहरे पहले से जेल में
इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma), पूर्व सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel), सेवानिवृत्त आईएएस (IAS) अनिल टूटेजा (Anil Tuteja) और होटल कारोबारी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) समेत 15 लोग रायपुर सेंट्रल जेल (Raipur Central Jail) में बंद हैं। अब वारंट जारी होने के बाद कार्रवाई और तेज होने की संभावना है।
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