घरवाले मेरी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए रिश्ता देख रहे थे. कुछ दिन पहले मुझे बताया गया कि तुम्हारे के लिए एक पटवारी लड़का देख लिया है. परिजन बार-बार शादी करने के लिए मजबूर कर रहे थे. इसी वजह से मैं मानसिक रूप से परेशान हो गई थी. इसी बीच, 7 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने के लिए मैं इंदौर से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन में रवाना हुई. लेकिन मैं मानसिक रूप से घर जाने के लिए तैयार नहीं थी. मैंने सोच लिया था कि मैं अब घर नहीं जाऊंगी और सिविल जज बन जाने तक मैं शादी नहीं करूंगी… ये कुबूलनामा 12 दिन से लापता अर्चना तिवारी का है.. अपने परिवार और पुलिस से बचने के लिए अर्चना ने दो देश और तीन शहरों का सफर किया.. आखिरकार पुलिस ने उसे ढूंढा और फिर इस पूरे मामले का खुलासा किया… 7 अगस्त को वह रक्षाबंधन के लिए इंदौर से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस से रवाना हुई, लेकिन मानसिक रूप से घर जाने के लिए तैयार नहीं थी. उसने फैसला किया कि वह न तो घर जाएगी और न ही शादी करेगी, जब तक कि वह सिविल जज नहीं बन जाती.. इस पूरे प्लान को पूरा करने के लिए उसने, अपने पुराने क्लाइंट तेजेंद्र सिंह और दोस्त सारांश की मदद भी ली..